दिल्ली में सोमवार 20 अप्रैल से टोल वसूली की खबरों के बीच दिल्ली माल परिवहन संगठन ने कहा है कि यह कदम उचित नहीं होगा क्योंकि एक तरफ सरकार चाहती है कि जरूरी सामानों की सप्लाई सुचारू बनी रहे जबकि दूसरी ओर टोल वसूली शुरू कर ट्रांसपोर्टर्स पर बोझ लादने की तैयारी है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
टोल वसूली की खबरों पर दिल्ली माल परिवहन संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने रविवार को कहा कि सरकार ने 20 अप्रैल से टोल लेने का निर्णय किया है जो कि अनुचित कदम है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार आवश्यक आपूर्ति की निरंतरता चाहती है, ऐसे में हमारी बिरादरी के लोग सभी बाधाओं को पार करते हुए, यहां तक कि नुकसान में भी राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं. कपूर ने कहा, संपूर्ण परिवहन बिरादरी आर्थिक रूप से टूट गई है और इसमें परिचालन के लिए पैसे नहीं हैं और ड्राइवरों को वापस लाना भी एक और बड़ी चुनौती है.
परिवहन संगठन के अध्यक्ष ने कहा, सरकार को मौजूदा स्थिति में राहत पैकेज का ऐलान कर चाहिए और परिवहन संगठन की ओर मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए जिसके बारे में संगठन ने सरकार के समक्ष एक अर्जी दाखिल की है. उन्होंने कहा कि सरकार हम पर टोल की वसूली लाद रही है जो कि पूरे संचालन खर्च का 20 फीसद हिस्सा है.
राजेंद्र कपूर ने कहा, सरकार परिवहन क्षेत्र से रिकवरी सेवा की वसूली करेगी, यह डीजल या अन्य करों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि करेगी, लेकिन सड़क परिवहन क्षेत्र को सीधे राहत नहीं देना चाहती है. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र (परिवहन) पर कोई वित्तीय बोझ डालने से पहले सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि 'अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन' में जाने से यह क्षेत्र पहले से ही गिर चुका है.