ज्वॉइंट कमिश्नर मुकेश कुमार मीणा की दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) चीफ के पद पर नियुक्ति का विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली सरकार ने मीणा को पद से हटाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
आम आदमी पार्टी प्रवक्ता डॉ. कुमार विश्वास ने कहा, 'हाईकोर्ट को दरकिनार करते हुए उपराज्यपाल ऐसे आदमी के जरिए भ्रष्टाचार रोकने की कोशिश कर रहे हैं, जो खुद हवाला और पर्दा-सोफा घोटाले में शामिल है.' उन्होंने कहा, 'सरकार कोर्ट गई है. इसके अलावा बाकी कदम भी उठाए जा सकते हैं.'
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. विश्वास ने कहा कि 20 मई 2014 को कोर्ट ने आदेश दिया था कि
एसीबी से जुड़े फैसले लेने का हक दिल्ली सरकार के पास होगा.
हम ACB को कमज़ोर करने के
केंद्र सरकार के षडयंत्र को सफल नहीं होने देंगे ; @DrKumarVishwas
— Aam Aadmi
Party (@AamAadmiParty) June 27,
2015
गौरतलब है कि शुक्रवार को मुकेश मीणा ने बीएस बस्सी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि एसएस यादव ने उनपर दबाव बनाने के लिए खुदकुशी की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि यादव ने छत से कूदकर, ट्रक के नीचे आकर आत्महत्या की धमकी दी.
एसएस यादव का आरोप, 'मीणा से मेरी जान को खतरा'
इससे पहले बुधवार शाम करीब तीन घंटे तक एसीबी के दोनों प्रमुखों- मुकेश मीणा और एसएस यादव के बीच
एफआईआर बुक को लेकर झगड़ा हुआ. दरअसल, मीणा ने यादव से एफआईआर से जुड़े दस्तावेज मांगे थे.
लेकिन गोपनीयता का हवाला देते हुए यादव ने दस्तावेज देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद यादव ने ये भी
आरोप लगाया कि मीणा से उनकी जान को खतरा है.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने एसएस यादव को और उपराज्यपाल नजीब जंग ने मुकेश मीणा को एसीबी का प्रमुख बनाया है.