केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सचिवालय में ई-आरटीआई पोर्टल की शुरुआत की. आम नागरिक को ऑनलाइन सूचना देने के मकसद से सीएम अरविंद केजरीवाल ने वेब पोर्टल लांच किया. दिल्ली सरकार का दावा है कि ई-आरटीआई पोर्टल को शुरू करने वाली वह देश की दूसरी सरकार है.
वेब पोर्टल के ज़रिए ज़रूरी कागज़ात भी अटैच किए जा सकते हैं. साथ ही आने वाले दिनों में डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल पेमेंट के लिए किया जा सकेगा.
ई-आरटीआई लांच के दौरान प्रोजेक्टर पर प्रेजेन्टेशन के ज़रिए ई-आरटीआई की खूबियां भी बताई गईं. दिल्ली सरकार के अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए खास तौर से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. वेब पोर्टल से ये जानकारी भी मिल सकेगी कि आरटीआई किस विभाग में अटकी हुई है. एसएमएस और ईमेल के ज़रिए भी आरटीआई से जुड़ी हर एक जानकारी आवेदनकर्ता को मिलेगी. सरकार ने ऑनलाइन आने वाली जानकारी की सुरक्षा का दावा भी किया है. ई-आरटीआई वेब पोर्टल के लिए दिल्ली सरकार ने अपने तमाम 172 विभागों को ट्रेनिंग दी है हर विभाग से एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है.
ई-आरटीआई पोर्टल लांच के दौरान अरविंद केजरीवाल कहा कि 'दिल्ली और देश के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है. अन्ना हजारे और अरुणा राय की याद आ रही है. इस देश का आदमी टैक्स देता है, उस टैक्स के पैसे से सरकार चलती है. गरीब से गरीब आदमी टैक्स देता है. पैदा होने से लेकर मरने पर कफ़न तक में टैक्स देना पड़ता है. सरकार में बैठे लोगों का गाड़ी बंगला उस गरीब आदमी के टैक्स चलता है. जनता को जानने का हक़ है उसका टैक्स कहां जा रहा है. 2005 में आरटीआई एक्ट लागू के दौरान हम मौजूद थे. उस वक़्त बहुत दिक्कतें आती थी, बाबू गड़बड़ी बताकर आवेदन खारिज कर देता था, लेकिन अब दफ़्तर आने की जरूरत नही है.'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'आरटीआई आवेदन और उसके जवाब को भी पब्लिक कर देना चाहिए. इससे एक जैसे आवेदन करने वालों को ऑनलाइन जानकारी मिल सकेगी.' इसके अलावा केजरीवाल ने कहा कि सरकार को अपने सभी विभाग से जुड़ी जानकारी पब्लिक करनी चाहिए. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आरटीआई एक बड़ी दवाई है. राशन कार्ड के रजिस्ट्रर को ऑनलाइन कर देना चाहिए राशन वाला गलत काम बंद कर देगा. सरकार को पारदर्शी होना चाहिए. न सिर्फ मंत्री ही नही मुख्यमंत्री भी इसके दायरे में आएंगे. हमारी कोशिश रहेगी कि सरकार से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी जनता तक पहुंचे, ताकि उन्हें आरटीआई लगाने की ज़रूरत न पड़े.'