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दिल्ली के कोरोना ऐप में ढेरों खामियां, गलत फोन नंबर और बेड को लेकर मिली गलत जानकारी

दिल्ली कोरोना ऐप के रिएल्टी चेक, जिसे केजरीवाल सरकार ने बेड की उपलब्धता पर रियल टाइम अपडेट के लिए लॉन्च किया था, अब गलत आंकड़ा दिखा रहा था. इंडिया टुडे ने आठ अस्पतालों का रिएल्टी चेक किया, जिसमें चार सरकारी और चार निजी अस्पताल शामिल हैं और ऐप में दर्ज कोई भी आंकड़ा सही नहीं पाया गया.

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दिल्ली के कोरोना ऐप में मिली कई तरह की विसंगतियां (सांकेतिक-पीटीआई)
दिल्ली के कोरोना ऐप में मिली कई तरह की विसंगतियां (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली के चार सरकारी, चार निजी अस्पतालों का रिएल्टी चेक
  • ऐप में संजय गांधी अस्पताल के बताए गए नंबर गलत निकले
  • ऐप में बेड की उपलब्धता दिखाई गई, लेकिन अस्पतालों में नहीं

दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच इंडिया टुडे के रिएल्टी चेक के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार के 'दिल्ली कोरोना' ऐप में कई बड़ी खामियां पाई गईं. दिल्ली में कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है तो वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड की उपलब्धता भी राजधानी में एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है.

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दिल्ली कोरोना ऐप के रिएल्टी चेक, जिसे केजरीवाल सरकार ने बेड की उपलब्धता पर रियल टाइम अपडेट के लिए लॉन्च किया था, अब गलत आंकड़ा दिखा रहा था. इंडिया टुडे ने आठ अस्पतालों का रिएल्टी चेक किया, जिसमें चार सरकारी और चार निजी अस्पताल शामिल हैं और ऐप में दर्ज कोई भी आंकड़ा सही नहीं पाया गया.

मंगलवार को 'दिल्ली कोरोना' ऐप में बताया गया था कि दिल्ली सरकार के दीप चंद बंधु अस्पताल में कुल 14 कोविड बेड में से चार आईसीयू बेड उपलब्ध थे. जब रिपोर्टर ने संपर्क किया, तो अस्पताल के सीएमओ ने बताया कि करीब एक महीने पहले यह उपलब्धता थी लेकिन वर्तमान में एक भी बेड खाली नहीं है.

संजय गांधी के बारे में गलत नंबर

अस्पताल के सीएमओ ने कहा, 'हमारे पास कोविड मरीजों के लिए महज आठ आईसीयू बेड हैं लेकिन अभी कोई बेड उपलब्ध नहीं है. करीब एक महीने पहले एक समय में चार बेड खाली थे. ऐप में क्या कहा गया है उस पर कुछ नहीं कह सकता.'

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इसी तरह दिल्ली सरकार के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में मंगलवार सुबह ऐप के अनुसार दो बेड उपलब्ध थे, हालांकि जब उनसे संपर्क किया गया, तो ऐप में बताए गए नंबर गलत निकले.

दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल में, ऐप के अनुसार छह बेड उपलब्ध थे, हालांकि संपर्क करने पर, अस्पताल के कर्मचारियों ने बेड की संख्या की पुष्टि करने से इनकार कर दिया. ऐप में दर्ज नंबर पर जवाब देने वाले अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया, 'केवल मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ही इस बात की पुष्टि करेंगे कि किसी मरीज के लिए बेड उपलब्ध है या नहीं. आपको जानकारी हासिल करने के लिए सीएमओ से मिलना होगा.'

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दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में वेंटिलेटर के साथ चार आईसीयू बेड उपलब्ध थे. हालांकि, ऐप में दर्ज फोन नंबर पर जवाब देने वाले ने बेड की उपलब्धता पर जानकारी देने से इनकार कर दिया. अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा, 'केवल डॉक्टर ही जानते हैं कि मरीज के लिए बेड उपलब्ध हैं या नहीं.'

साकेत अस्पताल के बारे में नहीं मिली जानकारी

साकेत के मैक्स अस्पताल में, ऐप के अनुसार दो बेड उपलब्ध थे. हालांकि, ऐप में दर्ज नंबर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. ऐप के अनुसार, मंगलवार सुबह मयूर विहार फेज वन क्षेत्र के जीवन अनमोल अस्पताल में एक बेड उपलब्ध था. हालांकि, जब उनसे संपर्क किया गया, तो अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि कोई बेड उपलब्ध नहीं है और सरकार द्वारा संचालित ऐप में दर्ज 'गलत' जानकारी पर उन्होंने आश्चर्य भी व्यक्त किया.

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अस्पताल के कर्मचारियों ने फोन कॉल का जवाब देते हुए कहा, 'हमारे पास अभी कोई बेड उपलब्ध नहीं है, हमें नहीं पता कि ऐप खाली बेड कैसे दिखा रहा है.'

इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी दावा किया है कि कोरोना मरीजों के 7,500 बेड खाली हैं. जैन ने कहा कि केंद्र ने 750 आईसीयू बेड देने का आश्वासन दिया है जिससे संकट कम हो सकेगा. कोरोना मरीजों के लिए 7,500 बेड खाली हैं. हमारे पास LNJP में पर्याप्त डॉक्टर हैं और अधिक बेड बढ़ाए जा रहे हैं. साथ ही कोविड आइसोलेशन के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं. दिल्ली देश में सबसे ज्यादा टेस्टिंग कर रही है.

(इनपुट- आशुतोष मिश्रा)

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