दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू मरीजों की बड़ी संख्या आज भी कायम रही. दिल्ली सरकार ने सभी मेडिकल संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द बिस्तरों की संख्या बढ़ाएं और हालात से निपटने के लिए डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती करें.
ज्यादातर अस्पतालों में डेंगू मरीज बड़ी संख्या में भर्ती हैं. कुछ अस्पतालों में मरीज बेहद बुरी हालात में रहने को मजबूर हैं. कुछ सरकारी अस्पतालों में तो आलम यह है कि एक ही बिस्तर पर तीन-तीन मरीजों को रखा गया है. डेंगू मरीजों के इलाज से इनकार करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी देने वाली दिल्ली सरकार ने अपने मातहत आने वाले सभी अस्पतालों को डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती करने का आदेश जारी किया है.
दिल्ली के अस्पतालों और नर्सिंग होमों में बड़ी संख्या में मरीजों के भर्ती होने के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया वे जल्द से जल्द बिस्तरों की संख्या में 10-20 फीसदी का इजाफा करें ताकि मच्छरों से होने वाली इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों का उचित इलाज किया जा सके. मंत्री ने कहा कि डेंगू की जांच करने वाले और किट खरीदे जा रहे हैं और निजी अस्पतालों से कहा गया है कि वे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त की जा रही जांच के लिए 600 रूपए से अधिक शुल्क न लें.
मरीजोें की कतार और सीमित बिस्तर...
सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए खोले गए ‘फीवर क्लीनिकों’ और बाह्य रोगी विभागों में लंबी-लंबी कतारें देखी गईं. दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की कुल संख्या अभी 50,000 है जिसमें 10,000 दिल्ली सरकार के अस्पतालों और 20,000 निजी अस्पतालों में है. नगर निगमों एवं केंद्र के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 10-10 हजार है.
-इनपुट भाषा