राजधानी के मेहरौली क्षेत्र के रहने वाले एक ऑटो चालक चतुर्भुज पर साल 2023 के दिसंबर में नंद नगरी में एक्सीडेंट करने का इल्जाम लगा था. इसके चलते न सिर्फ उसका ऑटो जब्त किया गया, बल्कि उसकी भी गिरफ्तारी हुई थी. फिर जब मेंटीनेंस के लिए ये मामला कोर्ट पहुंचा तो वहां एक सीसीटीवी फुटेज ने ऑटो चालक को बचा लिया. एडवोकेट मनीष भदौरिया ने aajtak.in को बताया कि क्लेम केस मामलों में ये रेयर केस है जिसे कड़कड़डूमा कोर्ट ने दो दिन पहले ही खारिज कर दिया है.
पुलिस में दर्ज घटना के अनुसार 7 दिसंबर 2023 को सुबह नौ बजे पुलिस को एक एक्सीडेंट की सूचना मिली थी. सूचना देने वाले ने बयान में बताया था कि वो सुबह नौकरी के लिए सीमापुरी स्थित अपने घर से इको कार से निकला था. फिर डिस्ट्रिक पार्क नंद नगरी बस स्टैंड इलाके में कार पार्क करके रोड को पार करके मंडोली की तरफ जा रहा था तभी गगन सिनेमा की तरफ से एक तेज गति से ऑटो आया. ऑटो चालक ने लापरवाही से ड्राइव करते हुए बहुत तेज गति में मुझे जोरदार टक्कर मार दी, मैं रोड पर गिर गया.
शिकायतकर्ता ने उसमें एक ऑटो नंबर भी लिखाया. साथ ही कहा कि तेज गति में होने के कारण वो ड्राइवर की शक्ल नहीं देख पाए. फिर घायल अवस्था में उन्होंने मौके से पीसीआर कॉल की. पीसीआर घायल अवस्था में पीड़ित को जीटीबी अस्पताल ले गई और वहां भर्ती कराया. वहीं, जीटीबी अस्पताल में इलाज में देरी के चलते शिकायतकर्ता तेज दर्द के कारण एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हो गया. शिकायतकर्ता ने बयान में बताया कि यहां मेरे सीधे पैर का ऑपरेशन हुआ. इस सबमें उसे काफी आर्थिक क्षति भी हुई. अब पुलिस ने यह मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी. पुलिस ने जल्द ही वो ऑटो जब्त करके उसे सील किया और ऑटोचालक को गिरफ्तार किया, हालांकि वो जमानत पर छूट गया.
सीसीटीवी में ऑटो सहित नजर आया ड्राइवर
इसके बाद आरोपी ऑटो चालक ने कोर्ट में 20 जनवरी 2024 को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वो मेहरौली इलाके का रहने वाला है और उसने कभी ऑटो से यमुना पार ही नहीं की. वो बस पुलिस कार्रवाई के लिए पहली बार इस इलाके में आया. इसके लिए वहां की सीसीटीवी फुटेज दिखाई जा सकती है. एडवोकेट मनीष भदौरिया बताते हैं कि यहीं से सीसीटीवी फुटेज की छानबीन शुरू हुई. कोर्ट के निर्देश पर उस इलाके में लगे उसे सीसीटीवी से कैमरा फुटेज निकाले गए, ऑटो चालक ने जहां से गुजरने का दावा किया था. हुआ भी वैसा ही, सीसीटीवी फुटेज में सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर ड्राइवर अपनी उसी ऑटो से गुजरता हुआ स्पष्ट नजर आ रहा था.
ऐसे खुला मामला
शिकायतकर्ता ने घटना का समय सुबह नौ बजे बताया था, पीसीआर कॉल भी उसी समय की थी. अब सवाल यह उठता था कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार अगर 9 बजकर 15 मिनट पर ऑटो चालक ऑटो के साथ ही महरौली में था तो वो इतनी जल्दी पूर्वी दिल्ली से दुर्घटना करके मेहरौली कैसे पहुंच सकता है. दोनों जगह की दूरी तय करने में लगभग दो से ढाई घंटे लगते हैं. पुलिस ने इसकी पुष्टि करने के लिए ऑटो चालक के फोन का डीवीआर यानी कॉल डिटेल भी जांचे. जिसके अनुसार उसका फोन 5.45 पर छतरपुर और 9.45 पर मेहरौली की लोकेशन दिखा रहा था. इन सभी साक्ष्यों को कोर्ट में पेश किया गया. एडवोकेट मनीष भदौरिया बताते हैं कि इस पूरी जांच रिपोर्ट को जब कोर्ट में पेश किया गया तो अदालत ने माना कि पुलिस के पास ऐसे कोई साक्ष्य नहीं है जिससे ये माना जा सके कि दुघर्टना में ऑटो चालक शामिल है. साक्ष्यों के आधार पर यह मुकदमा निरस्त कर दिया गया.
दिल्ली भर में करीब ढाई लाख CCTV कैमरे
दिसंबर 2023 में दिल्ली सरकार ने विधानसभा में दिए आंकड़ों में बताया था कि लोक निर्माण विभाग ने पूरे शहर में 2.80 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का लक्ष्य रखा है. उन्हें 2,68,462 कैमरे लगाने की मंजूरी मिली और फेज 1 और 2 में राजधानी में 2,46,424 यानी कुल लक्ष्य के करीब 88 प्रतिशत सीसीटीवी लगे हैं.
वहीं साल 2021 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा था कि प्रति वर्ग मील सीसीटीवी कैमरों के मामले में दिल्ली लंदन, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और पेरिस से काफी आगे है. एक सर्वे के अनुसार, प्रति वर्ग मील सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में दिल्ली दुनिया के 150 शहरों में पहले स्थान पर है. आपको बता दें कि राजधानी में सरकार द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की मदद से पहले कई अपराधी पकड़े भी जा चुके हैं.