दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पताल इन दिनों सरकार की तमाम दावों की पोल खोल रहे हैं. सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में दवाई देने का वादा किया था, लेकिन एक अस्पताल में डॉक्टर द्वारा मरीजों को बाहर से दवाई मंगवाने का मामला सामने आया है.
मंगवाई जाती है 50 हजार तक की दवाइयां
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाओं के पोस्टर जगह-जगह लगाए गए हैं, लेकिन ये पोस्टर महज जनता को लुभाने के लिए लगाए गए हैं. योगेश का जनवरी में रोड एक्सीडेंट हो गया था. दिल्ली सरकार के ट्रॉमा सेंटर में उसका इलाज चल रहा है. इस दौरान डॉक्टरों ने उसके परिजनों से बाहर से दवाइयां मंगवाई. योगेश के पिता कालीचरण मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं. उनका कहना है कि अब तक वह तकरीबन 40 से 50 हजार रुपये की दवाइयां बाजार से खरीद चुके हैं.
'सरकार उठाए ठोस कदम'
योगेश के पिता की मानें, तो वह अपने बेटे की बीमारी को लेकर काफी सदमे में हैं. बेटे का सही तरीके से इलाज न होने की वजह से और लगातार डॉक्टरों द्वारा परेशान किए जाने की वजह से उन्होंने कई बार दिल्ली सरकार के पोस्टर पर लिखे नंबर पर शिकायत भी की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में केजरीवाल सरकार से उनकी मांग है कि सरकार संबंधित अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाए. वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्टॉक में जब दवा नहीं होती, तभी मरीजों के परिजनों को बाहर से दवा खरीदने को कहा जाता है.