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दिल्ली में ऑटो-टैक्सी का किराया बढ़ने से आपकी जेब पर कहां कितना होगा असर? ग्राफ से समझें

दिल्ली में ऑटो और टैक्सी से सफर करना महंगा हो गया है. सरकार ने ऑटो और टैक्सी का किराया बढ़ा दिया है. नई दरों के मुताबिक, ऑटो का मीटर अब 25 की बजाय 30 रुपये से शुरू होगा. जबकि, टैक्सी में शुरुआती न्यूनतम किराया 40 रुपये देना होगा. जानिए किराया बढ़ने के बाद आपकी जेब पर कितना असर होगा?

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दिल्ली सरकार ने ऑटो-टैक्सी का किराया बढ़ा दिया है. (फाइल फोटो-PTI)
दिल्ली सरकार ने ऑटो-टैक्सी का किराया बढ़ा दिया है. (फाइल फोटो-PTI)

दिल्ली सरकार ने ऑटो और टैक्सी का किराया बढ़ा दिया है. इससे अब दिल्ली में ऑटो या टैक्सी से सफर करना महंगा हो गया है. 

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नई दरों के मुताबिक, ऑटो का मीटर अब 25 रुपये की बजाय 30 रुपये से शुरू होगा. इसके बाद हर किलोमीटर का किराया 9.5 रुपये के बजाय 11 रुपये लिया जाएगा. ऑटो का मीटर 1.5 किलोमीटर तक डाउन रहता है.

इसके अलावा अब लोगों को नॉन-एसी टैक्सी के लिए शुरुआती कम से कम किराया 40 रुपये देना होगा और इसके बाद 17 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से चार्ज वसूला जाएगा. पहले ये 14 रुपये था. इसी तरह एसी टैक्सी में भी पहले एक किलोमीटर के लिए कम से कम 40 रुपये किराया लगेगा और उसके बाद 16 रुपये की बजाय 20 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया देना होगा.

न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि किराया बढ़ाने की फाइल एलजी वीके सक्सेना के पास पिछले साल 17 दिसंबर को भेजी गई थी. उन्होंने 6 जनवरी को किराया बढ़ाने को मंजूरी दी. दिल्ली सरकार के मुताबिक, किराये की नई दरें 9 जनवरी से लागू हो गईं हैं. 

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ऑटो रिक्शा और टैक्सी के वेटिंग और नाइट चार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. हालांकि, ऑटो में एक्स्ट्रा लगेज होने पर अब 7.5 रुपये की बजाय 10 रुपये और टैक्सी में 10 रुपये की बजाय 15 रुपये चुकाना होगा.

कितना फर्क पड़ेगा इससे?

- अगर ऑटो से सफर करते हैं

मान लीजिए आप मयूर विहार से एम्स जाना चाहते हैं. दोनों के बीच की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है. शुरुआती 1.5 किलोमीटर में तो 30 रुपये किराया लगेगा. लेकिन बाकी बचे 13.5 किलोमीटर के लिए हर किलोमीटर पर 11 रुपये की दर से किराया लगेगा. कुल मिलाकर आपको 180 रुपये किराया देना पड़ेगा. जबकि, पहले मयूर विहार से एम्स जाने के लिए आपको 155 रुपये किराया देना पड़ता था.

इतना ही नहीं, अगर ऑटो में एक्स्ट्रा लगेज भी है तो फिर उसके लिए 10 रुपये और देना पड़ेगा. जबकि पहले 7.5 रुपये ही लगते थे. 

- अगर टैक्सी से सफर करते हैं

मयूर विहार से एम्स तक टैक्सी से जाने के लिए भी अब ज्यादा किराया देना होगा. अगर नॉन-एसी टैक्सी से जाते हैं तो पहले एक किलोमीटर पर 40 रुपये और बाकी 14 किलोमीटर पर 17 रुपये प्रति किमी की दर से किराया लगेगा. कुल मिलाकर 280 रुपये के आसपास किराया देना होगा. जबकि, पहले 220 रुपये के आसपास किराया लगता था.

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इसी तरह अगर एसी टैक्सी से सफर करते हैं तो पहले एक किलोमीटर पर तो 40 रुपये किराया ही लगेगा. लेकिन बाकी बचे 14 किलोमीटर पर 20 रुपये प्रति किमी की दर से किराया वसूला जाएगा. कुल मिलाकर 320 रुपये के आसपास किराया लगेगा. जबकि, पहले करीब 250 रुपये किराया लगता था.

अगर एक्स्ट्रा लगेज रख लिया तो किराये में 15 रुपये और जुड़ जाएंगे. पहले 10 रुपये ही लगते थे. इसके अलावा अगर 15 मिनट से ज्यादा का वेटिंग टाइम हो गया तो हर मिनट पर 1 रुपये देने पड़ेंगे. यानी, 20 मिनट तक टैक्सी ने वेट किया है तो 5 रुपये और बढ़ जाएंगे.

पर किराया बढ़ाया क्यों गया?

लंबे समय से ऑटो और टैक्सी ड्राइवर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इसके पीछे तीन वजहें थीं. पहली तो ये कि सीएनजी की कीमतें पहले से कई गुना बढ़ चुकीं हैं. दूसरी- ऑटो या टैक्सी के रखरखाव और लागत का खर्चा बढ़ गया है. तीसरी- इससे ड्राइवरों की कमाई कम हो रही थी.

दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के सामने ऑटो और टैक्सी एसोसिएशन ने किराया बढ़ाने को लेकर कई प्रेजेंटेशन दिए थे. पिछले साल मई में किराया बढ़ाने को लेकर 13 सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी.

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कैलाश गहलोत ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से किराया बढ़ने से ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. नए किराये से उन्हें बढ़ती कीमतों का सामना करने में मदद मिलेगी. 

हालांकि, ऑटो रिक्शा एसोसिएशन ने इस पर आपत्ति जताई है. नेशनल ऑटोरिक्शा टैक्सी ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के कन्वेनर राजेंद्र सोनी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सरकार को सीएनजी में सब्सिडी देना चाहिए.

उन्होंने कहा, किराया बढ़ाने की बजाय सीएनजी खरीद पर सब्सिडी देनी चाहिए, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया और किराया बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि किराया बढ़ाना ही था तो अच्छे से बढ़ाना था. ये ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों को 'भीख' देने जैसा है.

उन्होंने कहा कि सरकार को ऑटो में एक किलोमीटर तक मीटर डाउन का किराया 30 रुपये रखना चाहिए था. जबकि, एसी और नॉन-एसी टैक्सी के लिए 50 रुपये होना चाहिए था.

 

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