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'यूनिफॉर्म में नहीं दिखे तो 10 हजार का चालान', ऑटो-टैक्सी ड्राइवरों के लिए दिल्ली सरकार का फरमान

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 66 के तहत प्रत्येक टैक्सी और ऑटो रिक्शा को सड़क पर चलने के लिए परमिट प्राप्त करना आवश्यक है. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि परमिट कुछ शर्तों के साथ जारी किया जाता है. जिसमें सबसे अहम है है कि ड्राइवर को यूनिफॉर्म पहननी पड़ेगी.

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ऑटो टैक्सी ड्राइवरों के लिए यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य
ऑटो टैक्सी ड्राइवरों के लिए यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य

दिल्ली के ऑटो-टैक्सी ड्राइवरों के लिए केजरीवाल सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि ड्राइवरों का ड्राइविंग करते समय यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य है. यदि कोई ड्राइवर बिना यूनिफॉर्म पाया जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं बार-बार ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया जाएगा.

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दरअसल, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 66 के तहत प्रत्येक टैक्सी और ऑटो रिक्शा को सड़क पर चलने के लिए परमिट प्राप्त करना आवश्यक है. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि परमिट कुछ शर्तों के साथ जारी किया जाता है. जिसमें सबसे अहम है है कि ड्राइवर को यूनिफॉर्म पहननी पड़ेगी. दिल्ली मोटर वाहन नियम 1993 के अनुसार, ऑटो और टैक्सी के चालकों को अपने वाहन चलाते समय खाकी वर्दी पहनना आवश्यक था. हालांकि, 1995-96 के आसपास, ड्राइवरों के लिए यूनिफॉर्म के रंग को ग्रे कर दिया गया. 

वहीं सरकार के इस फरमान पर ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने कहा कि वे आदेश का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने सरकार से 10,000 रुपये के जुर्माने को कम करने का भी आग्रह किया. मामले पर एक परिवहन अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में ड्राइवरों के बीच यूनिफॉर्म पहनने के लिए जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा क्योंकि दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है और सरकार खराब प्रभाव नहीं डालना चाहती है.

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सरकार ने जारी किया ये आदेश

सरकार द्वारा सोमवार को जारी आदेश में कहा गया, "टैक्सी और ऑटो रिक्शा के सभी ड्राइवरों को निर्देशित किया जाता है कि वे निर्धारित यूनिफॉर्म पहने बिना वाहन न चलाएं, ऐसा न करने पर परमिट की शर्तों के उल्लंघन के लिए चालान किया जाएगा."

आदेश में आगे कहा गया है कि बार-बार नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर ड्राइवर को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें भारी चालान के साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस का निलंबन या रद्द करना या वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है. इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के ड्राइवरों के लिए भी यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य है.

जुर्माना बहुत अधिक- दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ

दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ के महासचिव राजिंदर सोनी ने कहा कि वर्दी चालकों को एक पहचान देगी. हालांकि, कोई भारी जुर्माना नहीं होना चाहिए, जो कि 10,000 रुपये है. अगर कोई ड्राइवर किसी वास्तविक कारण से यूनिफॉर्म पहनने में विफल रहता है तो उस पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए.

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