कोरोना महामारी में कई लोगों ने अपनी जान तो गंवाई ही है, इसके अलावा अर्थव्यवस्था पर भी इस महामारी ने गहरी चोट की है. बिजनेस ठप हुए हैं, लोग बेरोजगार हुए हैं और कई पाई-पाई के लिए मोहताज दिखे हैं. अब दिल्ली में भी ऐसे लोगों की संख्या काफी बड़ी है.
कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना महामारी में आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. मजदूरों का भी एक ऐसा ही वर्ग है जो लॉकडाउन की वजह से बेसहारा हो गया है. अब केजरीवाल सरकार ने उन मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने का फैसला लिया है.
केजरीवाल सरकार ने बढ़ाया मजदूरों का न्यूनतम वेतन
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है. साथ ही बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है.
महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 15492 रुपये से बढ़ाकर 15908 रुपये , अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 17069 रुपये बढ़ाकर 17537 रुपये, कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,797 रुपये से बढ़कर 19291 रुपये किया गया है.
इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है. इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17069 से बढ़ाकर 17537 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18797 से बढ़ाकर 19291 रुपये और स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 20430 से बढ़ाकर 20976 रुपये कर दिया गया है.
किसे मिलेगा फायदा?
श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बयान जारी कर कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान यह बड़ा कदम उठाया गया है. इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों के महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्यत: केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है. इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते से जोड़कर नए न्यूनतम वेतन की घोषणा की है.
55 लाख कॉन्ट्रैक्चुअल श्रमिकों को फायदा
आगे मनीष सिसोदिया ने कहा कि हालांकि हम सरकार के कई खर्चों में कटौती कर रहे हैं लेकिन मजदूर भाइयों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है. कोरोना के कारण आज समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप से भी प्रभावित हुआ है.
ऊपर से दाल और तेल जैसी रोजाना के उपभोग की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं. उम्मीद करता हूं कि इस बढ़ोतरी से मजदूर भाइयों को सहायता मिलेगी. उपमुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. इस बढ़ोतरी से कम से कम 55 लाख कॉन्ट्रैक्चुअल श्रमिकों को फायदा पहुंचेगा.