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CNG अब पुरानी बात, 2027 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनेगा दिल्ली! जानें- EV नीति 2.0 से क्या बदलेगा

दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड बढ़ाने के लिए कई अहम फैसला लेने जा रही है. इसे लेकर सरकार ईवी पॉलिसी 2.0 लाने की योजना बना रही है. परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने इस पॉलिसी की समीक्षा कर बताया है कि क्या-क्या बड़े बदलाव किए जा सकते और सरकार की क्या योजना है.

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इलेक्ट्रिक बस (चैटजीपीटी)
इलेक्ट्रिक बस (चैटजीपीटी)

दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों का एक समानांतर इकोसिस्टम बनाने के लिए फ्रेमवर्क पेश किया है. परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने ईवी पॉलिसी 2.0 की समीक्षा की और कहा कि दिल्ली में लक्ष्य है कि 2027 तक 95 फीसदी नए वाहन पंजीकरण को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना है. इस पॉलिसी के तहत दिल्ली की सभी सीएनजी ऑटोरिक्शा, टैक्सियां और हल्के वाणिज्यिक वाहन चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक में बदले जाएंगे. सरकार प्राथमिकता के आधार पर ई-बसों को भी सार्वजनिक परिवहन में सम्मिलित करेगी.

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परिवहन मंत्री ने बताया ईवी पॉलिसी 2.0 में क्या होगा खास

परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि नई पॉलिसी में चार्जिंग स्टेशन और फास्ट-चार्जिंग कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे. ईवी वाहनों के पंजीकरण और उनकी खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी. सबसे खास बात है कि सरकार ने एक समर्पित स्टेट ईवी फंड की स्थापना की है, जिससे ग्रीन लेवी और प्रदूषण सेस के माध्यम से फंड इकट्ठा किया जाएगा.
 

दिल्ली के परिवहण मंत्री पंकज सिंह ईवी पॉलिसी 2.0 पर चर्चा करते हुए

सब कुछ ठीक रहा तो सरकार की ये भी पॉलिसी होगी जिसमें सभी मौजूदा सीएनजी ऑटोरिक्शा, टैक्सियों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा.

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पॉलिसी में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की स्थापना भी शामिल है. मंत्री पंकज सिंह ने ईवी वाहनों के लिए सब्सिडी देने, ग्रीन लेवी और प्रदूषण सेस के जरिए एक नया स्टेट ईवी फंड स्थापित करने पर भी जोर दिया. इसके अतिरिक्त, ईवी आसाधारण कदमों को प्रोत्साहित करेगा जैसे की आईसीई इंजन वाहनों को ईवी में बदलने के लिए स्क्रैपिंग और रेट्रोफिटिंग प्रोत्साहन भी होगा.

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इस पहल का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू ईवी पर केंद्रित रोजगार और कौशल विकास कार्यक्रम है, जिनके लिए दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) के साथ सहयोग किया जाएगा. इस नई पॉलिसी के परिणामस्वरूप, दिल्ली एक स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन मॉडल की ओर बढ़ेगी.

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