दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का आरोप है कि केंद्र ने उनकी ‘हर घर राशन डिलीवरी’ की योजना पर रोक लगा दी है.
दिल्ली में 25 मार्च से केजरीवाल सरकार इस योजना को लॉन्च करने वाली थी. इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना नाम दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को लिखी है और अपील की है कि इस योजना को शुरू ना करें. आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर भी आरोप लगाया है कि मोदी सरकार राशन माफिया खत्म करने के खिलाफ क्यों है?
Centre stops Doorstep Delivery of Ration Scheme!
— AAP (@AamAadmiParty) March 19, 2021
Kejriwal Govt's Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana was scheduled to be launched on 25th March '21.
Why is Modi Govt against ending Ration Mafia?
क्या है केंद्र का तर्क?
वहीं समाचार एजेंसी ANI के अनुसार दिल्ली सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने ये कहते हुए दिल्ली सरकार की इस योजना पर रोक लगा दी है कि केंद्र नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राज्यों को राशन मुहैया कराता है इसलिए इस योजना(नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट) में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. आप इस ट्वीट को यहां भी पढ़ सकते हैं:-
Central Govt stops doorstep delivery of ration scheme (Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana) of Delhi Govt, scheduled to be launched on 25th March. Centre said that they provide ration to states under the National Food Security Act so no changes should be made to it: Delhi Govt
— ANI (@ANI) March 19, 2021
सूत्रों के मुताबिक नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत केंद्र सरकार, राज्यों को राशन मुहैया कराती है, इसे कोई भी राज्य सरकार किसी अन्य नाम से लागू नहीं कर सकती है. अगर नाम में बदलाव करना हैं तो उसे संसद से ही किया जा सकता है. इस तरह अगर हर राज्य सरकार संसद से पास योजना के नाम में बदलाव करती रहेगी, तो लोगों में कन्फ्यूजन हो जायेगा. अगर राज्य सरकार कोई अलग स्कीम तैयार करती है और नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के एलिमेंट मिक्स ना हों तो उसे लेकर केंद्र सरकार को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है.
दिल्ली सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट
आपको बता दें कि राशन डिलीवरी योजना दिल्ली सरकार के सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक है, जिसका ऐलान जनवरी में किया गया था. इस स्कीम के तहत हर दिल्लीवासी को जो राशन लेने के लिए सरकारी दुकान पर आना पड़ता था, उसकी छुट्टी हो जाएगी.
लोगों के पास इस स्कीम के तहत ऑप्शन रहेगा अगर किसी को होम डिलीवरी चाहिए तो वो मिल सकेगी, कोई दुकान से लेना चाहेगा तो वैसा ऑप्शन भी चालू रहेगा. इस स्कीम के तहत चीनी, चावल, गेहूं, आटा समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.
संशोधित बिल को लेकर भी जारी है बवाल
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच पहले ही NCT-एक्ट के संशोधित बिल को लेकर विवाद हो रहा है. केंद्र सरकार संसद में एक बिल लाई है, जिसके तहत दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकारों में बढ़ोतरी होगी. बिल के मुताबिक, दिल्ली सरकार को कोई कानून बनाने से पहले उपराज्यपाल को सूचित करना होगा और मंजूरी लेनी होगी.
दिल्ली सरकार केंद्र के इस बिल का विरोध कर रही है. बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पूरी दिल्ली कैबिनेट ने जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था और केंद्र के इस बिल का विरोध भी किया.