दिल्ली सरकार और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 6 अस्पतालों को लेकर मची खींचतान के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कहा कि वह अपने छह अस्पतालों के बेहतर संचालन के लिए उनका प्रबंधन केंद्र या दिल्ली सरकार को सौंपने के मुद्दे पर दोबारा विचार करे. कोर्ट में निगम का कहना था कि इस प्रस्ताव को सदन ने खारिज कर दिया था, इसीलिए उस पर कोई फैसला नहीं लिया गया.
नॉर्थ दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन छैल बिहारी गोस्वामी का कहना है कि कोरोना काल ने हर विभाग को अस्थिर कर दिया. कोर्ट में निगम के वकील ने कहा कि पहले भी अस्पताल चला रहे थे आगे भी चलाएंगे. छैल बिहारी ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने गिरेबान में झांके. सेकेंड वेव में ऑक्सीजन की कमी सभी ने देखी है. खुद गृह मंत्री को पहली वेव में दिल्ली में उतरना पड़ा. 6 अस्पतालों का मुद्दा नया नहीं है. काफी पहले एक रिजोल्यूशन आया कि अगर ये 6 अस्पताल केंद्र को दे दिए जाएं तो कैसा रहे? उसी समय ये रिफर बैक हो गया था.
दिल्ली सरकार ने अस्पतालों का प्रबंधन लेने की इच्छा जताई
पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि 2018 में एक आंतरिक सूचना दी गई थी कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने छह अस्पतालों का प्रबंधन केंद्र सरकार को देना चाहती है, ताकि वह सैलरी देने के खर्च से बच सके. दिल्ली सरकार ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार इन अस्पतालों का प्रबंधन अपने हाथ में नहीं लेना चाहती है तो दिल्ली सरकार इन अस्पतालों का प्रबंधन अपने हाथ में ले सकती है.
नगर निगम ने प्रस्ताव खारिज कर दिया था
सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि इस प्रस्ताव को नगर निगम ने खारिज कर दिया था. कोर्ट ने पिछले 4 जून को कहा था कि अगर केंद्र सरकार को छह अस्पतालों और एक मेडिकल कॉलेज को अपने हाथों में लेने का ऐसा कोई प्रस्ताव मिला है तो वह इस प्रस्ताव पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.