दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पत्रकारों को बताया कि दिल्ली सरकार ने राजधानी की शिक्षा में बेहतरी के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं. सिसोदिया ने बताया कि स्टेट एजुकेशन काउंसिल के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के कोटे से आने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों के प्रिंसिपल की ट्रेनिंग दिल्ली सरकार कराएगी.
मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली में EWS एडमिशन को सरकार ने सरल बनाया है, अब आसानी से एडमिशन हो रहे हैं. इन बच्चों की पढ़ाई के दौरान उन्हें सामाजिक रूप से दिक्कतें होती हैं, उनके माता पिता पढ़े लिखे नहीं हैं. ऐसे बच्चे स्कूलों में पढ़ नहीं पाते थे.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अबतक आउट ऑफ स्कूल कई सर्वे हुए हैं, लेकिन अब हम डोर टू डोर सर्वे करके पता करना चाहते हैं कि कितने बच्चे, किस स्कूल में पढ़ने जा रहे हैं. अब इस कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी और उन्हें अतिरिक्त पैसा भी दिया जाएगा. साथ ही सिसोदिया ने जोर देते हुए कहा कि जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उन्हें स्कूल पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है.
दिल्ली सरकार के ने एजुकेशन बीट अफसर रखने का भी फैसला किया है. ये अफसर सरकार को बताएंगे कि उनके यहां इतने बच्चे स्कूल से दूर हैं. सिसोदिया ने बताया कि शिक्षा कॉउंसिल की इस बैठक में निगम के शिक्षा अधिकारी भी शामिल थे. सिसोदिये के मुताबिक दिल्ली सरकार ने अभियान चलाया था कि सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ नहीं पाते, अब प्राइमरी लेवल पर भी यह अभियान चलेगा. अब तक यह अभियान 6वी, 7वीं और 8वीं क्लास में ही चलता था.
दिल्ली में कारोबार हुआ आसान
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट पर बोलते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि खबर आई कि वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में देश की रैंकिंग अच्छी हुई, ये अच्छी बात है. दिल्ली में भी व्यापार शुरू करना आसान हुआ है और अब दिल्ली में इंडस्ट्री लाइसेंस लेना आसान है, उसी दिन ऑनलाइन लाइसेंस मिल जाता है. सिसोदिया ने कहा कि GST से पहले वैट विभाग ने सबसे पहले टिन नंबर देना शुरू किया और हमारी सरकार ने दिल्ली में इंस्पेक्टर राज खत्म किया है.