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मनमाना तरीके से बढ़ाई फीस, दिल्ली सरकार ने उठाए सख्त कदम

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "पूरे देश में ये पहली बार हो रहा है कि प्राइवेट स्कूलों को अनुशासित किया जा रहा है. उन्हें अनाप-शनाप फ़ीस नहीं बढ़ाने दी जा रही. कई स्कूलों से बढ़ी फ़ीस वापिस कराई जा रही है, क्योंकि दिल्ली में ईमानदार सरकार है."

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मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया

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दिल्ली सरकार ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने वाले कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. जनता संवाद में मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद सरकार ने दो प्राइवेट स्कूलों को बढ़ी हुई फीस तुरंत वापस लेने के निर्देश दिए और नियमों का उल्लंघन करने पर एक स्कूल को मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'पूरे देश में ये पहली बार हो रहा है कि प्राइवेट स्कूलों को अनुशासित किया जा रहा है. उन्हें अनाप-शनाप फ़ीस नहीं बढ़ाने दी जा रही. कई स्कूलों से बढ़ी फ़ीस वापस कराई जा रही है, क्योंकि दिल्ली में ईमानदार सरकार है.'

मुख्यमंत्री दफ़्तर ने बताया कि कुछ अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष एक शिकायत की कि एक प्राइवेट स्कूल विक्टर पब्लिक स्कूल, मौजपुर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के विद्यार्थियों को मुफ्त यूनिफार्म, स्टेशनरी और किताबें इत्यादि नहीं मुहैया नहीं करा रहा है.

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इस पर मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि इस तरह नियमों का उल्लंघन और मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. विक्टर पब्लिक स्कूल, मौजपुर को शिक्षा विभाग की तरफ से दो बार निर्देश जारी किया जा चुका है कि वो ईडब्ल्यूएस के बच्चों को किताबें, यूनिफॉर्म इत्यादि मुहैया कराएं लेकिन स्कूल ने इस निर्देश का पालन नहीं किया. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस/डीजी वर्ग से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर इस स्कूल की मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी कर दिया.

जनता संवाद के दौरान मुख्यमंत्री को दो अन्य प्राइवेट स्कूलों- महावीर सीनियर मॉडल स्कूल, संगम पार्क, आरपी बाग और क्वीन मैरी पब्लिक स्कूल, मॉडल टाउन थर्ड के खिलाफ शिकायतें मिलीं. शिकायत में कहा गया कि इन स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोतरी की है.

सरकार ने इस शिकायत को बहुत गंभीरता से लिया है क्योंकि मनमर्जी फीस बढ़ाना सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन है. इस मामले में भी शिक्षा विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये. इन दोनों स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने इन्हें निर्देश दिया है कि वे तुरंत फीस बढ़ाने वाला फैसला वापस लें और जिन पैरेंट्स से बढ़ी हुई फीस जमा कराई गई है उसे तुरंत वापस करें, अन्यथा शिक्षा विभाग इन स्कूलों में अन्य कार्रवाई करेगा.  

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दिल्ली सरकार के मुताबिक जनता संवाद के दौरान एक अन्य शिकायत में कुछ अभिभावकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि बाल भारती पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा 7वें वेतन आयोग को लागू करने के नाम पर बढ़ी हुई फीस ले रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल से कहा कि वो इस शिकायत पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे. अपने जवाब में बाल भारती पब्लिक स्कूल ने कहा कि उसने 2016-17 और 2017-18 के दौरान किसी तरह की फीस बढ़ोत्तरी नहीं की है.

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