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दिल्ली: ऑक्सीजन बनाने वाले 8 प्लांट को लेकर केंद्र पर केजरीवाल का हमला

दिल्ली में 8 में से 7 संयंत्रों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में और एक को केंद्र सरकार के अस्पताल सफदरजंग में स्थापित किया जाना था. केंद्र सरकार के साथ कई बार फॉलोअप के बाद मार्च 2019 के शुरू में 5 अस्पतालों के लिए प्लांट्स को वितरित किया गया.

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अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली (फाइल फोटो)
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 8 पीएसए संयंत्रों की स्थिति को लेकर आरोप प्रत्यारोप
  • केजरीवाल सरकार ने केंद्र पर किया पलटवार

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में जब दिल्ली सरकार प्रदेश के लिए केंद्र से आवंटित ऑक्सीजन कोटे के अंतर को पूरा करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही है, तो केंद्र सरकार दिल्ली में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना में अपनी घोर विफलताओं को छिपाने के लिए पूरी तरह से गलत बयानी कर रही है.

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दिल्ली सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 162 पीएसए संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया था और अक्टूबर 2020 में इसके लिए निविदाएं जारी की गईं. इन संयंत्रों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पीएम केयर फंड के माध्यम से स्थापित किया जाना था और राज्य सरकारों को एक रुपए भी नहीं दिया गया था. इन सभी संयंत्रों को दिसम्बर 2020 तक स्थापित कर राज्य सरकारों को सौंप दिया जाना था. हालांकि केंद्र सरकार ने इनमें से 140 प्लांट्स का ठेका एक ही वेंडर को दे दिया, जो भाग गया. परिणामस्वरूप पूरे भारत में इन 162 संयंत्रों में से 10 को भी आज तक चालू नहीं किया गया है. 

दिल्ली में 8 में से 7 संयंत्रों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में और एक को केंद्र सरकार के अस्पताल सफदरजंग में स्थापित किया जाना था. केंद्र सरकार के साथ कई बार फॉलोअप के बाद मार्च 2019 के शुरू में 5 अस्पतालों के लिए प्लांट्स को वितरित किया गया. आमतौर पर इन प्लांट्स को स्थापित करने में 3-4 दिन लगते हैं. हालांकि, एक बार फिर वेंडर गैर जिम्मेदार पाया गया और केंद्र के साथ कई बार फॉलोअप के बाद 5 संयंत्रों में से केवल एक को आज तक चालू किया गया है.

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जहां तक अस्पताल के शेष 2 स्थानों की बात है, तो इन प्लांट्स को साइट भी नहीं मिला है. हम यह जानकर स्तब्ध हैं कि केंद्र सरकार अब प्लांट्स में देरी का कारण दिल्ली सरकार को यह कहते रहुए बता रही है कि उन्हें साइट प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. यह कभी भी दिल्ली सरकार के संज्ञान में नहीं लाया गया है और यह पूरी तरह से झूठ है. यह तथ्य कि पीएसए संयंत्र को केंद्र के अपने सफदरजंग अस्पताल में भी चालू नहीं किया गया है, यह दर्शाता है कि केंद्र अपने झूठ के जाल में फंस गया है.

 

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