दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल किसी भी स्टूडेंट्स या अभिभावक को किसी विशेष वेंडर से किताब, कॉपियां और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकता. अगर कोई भी स्कूल आदेश का पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ BNS के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि कई अभिभावकों और छात्रों की शिकायतों पर दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों को किताबें, कॉपियां और यूनिफॉर्म की बिक्री के बारे में नए निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह देखा गया है कि कई प्राइवेट स्कूल विद्यार्थियों को विशेष प्राइवेट वेंडरों से किताबें, गाइड, टाई, बेल्ट, नोटबुक, यूनिफॉर्म और बैग जैसी शिक्षा सामग्री खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
'वेबसाइट पर डालनी होगी किताबों की लिस्ट'
उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों को नोटिस बोर्ड और अपनी वेबसाइट पर उन किताबों की सूची डालनी होगी जो उनके यहां पढ़ाई जा रही हैं. कोई भी प्राइवेट स्कूल इस जानकारी को छिपाता हुआ या छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करता हुआ पाया गया तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
वहीं, स्कूलों को कम-से-कम ऐसी पांच दुकानों के नाम बताने होंगे जो उसे स्कूल के आसपास किताबें और यूनिफॉर्म मुहैया करा रहे हैं. जो भी किताबें प्रिसक्राइब की जा रही है वह सभी किताबें अलग-अलग बोर्ड मसलन सीबीएसई किसी अन्य बोर्ड के मुताबिक होनी चाहिए.
आदेश में कहा गया है कि स्कूल और प्रिंसिपल को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी किताब जो बोर्ड के तहत पाठ्यक्रम के अलावा है. उन्हें खरीदने का दबाव न डाला जाए. अगले सत्र के लिए अगर कोई किताब रिकमेंड की जा रही है तो उसकी जानकारी भी स्कूलों को पहले से देनी होगी. साथ ही किसी भी स्कूल को कम-से-कम 3 साल तक स्कूल यूनिफार्म के रंग डिजाइन बदलने की छूट नहीं होगी.
BNS के तहत होगी कार्रवाई
इन दिशानिर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 और बीएनएस और बीएनएसएस के तहत आगे की उचित कार्रवाई की जाएगी. अभिभावकों को इस मामले का उल्लंघन करने वालों की रिपोर्ट के लिए ईमेल ddeact1@gmail.com या हेल्पलाइन नंबर 9818154069 पर संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार सभी के लिए शिक्षा को सस्ती और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. अभिभावकों से अपील है कि वे किसी भी उल्लंघन की सूचना हेल्पलाइन या शिक्षा निदेशालय को दें.