पूर्वी दिल्ली के 3 मंदिरों के ध्वस्तीकरण पर दिल्ली सरकार ने यू-टर्न लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के आदेश पर स्टे लगाने यानी राहत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था, लेकिन हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल होने से पहले ही दिल्ली सरकार ने दखल देते हुए अपना ही डिमोलिशन ऑर्डर रद्द कर दिया.
ये मामला दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 में स्थित तीन मंदिरों पूर्वी दिल्ली काली बाड़ी, श्री अमरनाथ मंदिर संस्थान और श्री बद्रीनाथ मंदिर से संबंधित है.
बता दें कि दिल्ली के मयूर विहार इलाके में तीन मंदिरों को लेकर डेमोलिशन की कार्रवाई अभी नहीं होगी. DDA ने लोगों के विरोध और जनभावनाओं को देखते हुए डेमोलिशन को रोकने का फैसला लिया है.
DDA ने कहा कि आज इस मामले में लोगों के सख्त विरोध और स्थानीय MLA रवि नेगी के दखल के बाद डेमोलिशन की कार्रवाई रद्द की गई थी. इस मामले में जनभावनाओं को देखते हुए इस मसले पर फिर से विचार किया गया. सक्षम ऑथोरिटी ने तत्काल प्रभाव से डेमोलिशन की कार्रवाई को रोक दिया है.आगे भी इस मामले में जो कार्रवाई होगी, वो मौजूदा नियमों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी.
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए गुरुवार सुबह 4:00 बजे डीडीए की टीम मयूर विहार फेज-2 पहुंची थी. काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर पर डीडीए का बुलडोजर चलना था. आरोप है कि ये तीनों मंदिर ग्रीन बेल्ट पर बने हैं. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में डीडीए की टीम जेसीबी से मंदिरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू करने वाली थी, तभी स्थानीय भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी मौके पर पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया.
रविंदर सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पूरे मामले से अवगत कराया. बीजेपी विधायक का दावा है कि सीएम ने उनके अनुरोध का संज्ञान लेते हुए तत्काल हस्तक्षेप किया और डीडीए को तीनों मंदिरों के खिलाफ अपनी डिमोलिशन ड्राइव रोकनी पड़ी. उन्होंने इस संबंध में अपने X हैंडल से एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, 'पटपड़गंज विधानसभा के मयूर विहार फेज-2 में स्थित मंदिरों को तोड़ने के लिए हाईकोर्ट के आदेशानुसार DDA की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची. लेकिन हम रात 3 बजे से ही वहां मौजूद रहे और हर संभव प्रयास किया कि हमारी आस्था के प्रतीक ये मंदिर सुरक्षित रहें.'