दिल्ली के सियासी मैदान में कांग्रेस पिछड़ने को बिल्कुल तैयार नहीं है. इसीलिए जनता की नाराजगी और विपक्ष के लगातार हमलों के बाद भी तमाम ऐसे उपाय तलाशने में लगी है जो पार्टी को जीत की दहलीज तक पहुंचा दे.
दिल्ली सरकार को गरीबों की याद आ रही है, सही मायनों में कहे तो अल्पसंख्यकों की याद आ रही है. यहीं वजह है कि गुर्जर वोटरों को खींचने के लिए रामबीर सिंह बिधड़ी को और बदरपुर के विधायक नेताजी राम सिंह को पार्टी से जोड़ रही है. मुस्लिम वोट बैंक के लिए ओखला के विधायक आसिफ मोहम्मद खान का भी हाथ कांग्रेस थाम चुकी है.
रामबीर सिंह बिधड़ी के चेहरे पर कांग्रेस में वापसी की खुशी साफ देखी जा सकती है. शहरी विकास मंत्री अरविंदर सिंह के साथ आ-जा रहे हैं लेकिन पार्टी में वापसी की खबर को तुंरत खारिज कर दी. जाहिर सी बात है समर्थकों का साथ लेकर चलना है इसी लिए कन्फ्यूजन बनाए हुए हैं.
वहीं भागड़ा किंग दिलेर मंहदी के जुड़ने से सिख और पंजाबी वोटरों में पार्टी की पैठ बढेगी. चुनावी मौसम में योजनाओं की बारिश के साथ कांग्रेस बड़े चेहरे पार्टी में शामिल कर अपनी जीत पर हर तरफ से मोहर लगा लेना चाहती है. इसीलिए
कभी अन्नपूर्णा योजना शुरू करती है, फूड सिक्योरिटी योजना लागू करने के लिए बड़ा ताम झाम करती है तो कभी एक दिन में पांच नए चेहरों को पार्टी में शामिल करने पर मोहर लगा देती है.