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NCT बिल: दिल्ली में नहीं थमेगी अधिकारों की जंग, सुप्रीम कोर्ट जाएगी केजरीवाल सरकार

दिल्ली सरकार जल्द ही जीएनसीटी बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली है. इसके लिए लीगल टीम से सुझाव लिया जा रहा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस संशोधन से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदला जा रहा है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • GNCTD Amendment Act पर तकरार
  • सुप्रीम कोर्ट जाएगी दिल्ली सरकार
  • संसद से पास हो चुका है GNCTD बिल

लोकसभा और राज्यसभा से जीएनसीटी बिल पास हो चुका है और अब इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज दिए जाने पर विचार किया जा रहा है. दिल्ली सरकार जल्द ही जीएनसीटी बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली है. इसके लिए लीगल टीम से सुझाव लिया जा रहा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस संशोधन से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदला जा रहा है.

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रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार GNCTD amendment बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. दिल्ली सरकार की लीगल टीम GNCTD अमेंडमेंट बिल में हुए सभी बदलाव का अध्ययन करेगी और इसके कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर सुप्रीम कोर्ट के लिए याचिका तैयार करेगी. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस अमेंडमेंट की वजह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन होता है. इसी आधार पर AAP सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. 

दिल्ली के उपराज्यपाल को सशक्त बनाने वाला दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक-2021 बुधवार को राज्यसभा से पास हो गया था. इस बिल का AAP ने तो विरोध किया ही, कांग्रेस ने भी इस बिल का विरोध किया.

राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि ये बिल दिल्ली सरकार के सभी अधिकार एक नामित एलजी को दे देगा तो दिल्ली में चुनी हुई सरकार की जरूरत क्या है. मुख्यमंत्री के चुनाव की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार दिल्ली में एलजी की सरकार चलाना चाहती है और लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए सरकार के अधिकार को कुचलना चाहती है.  

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राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि GNCT Bill संविधान के खिलाफ है, महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण राजसभा में धृतराष्ट्र के सामने हुआ था, आज सदन में सरकार के सामने संविधान का चीरहरण हो रहा है. 

 

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