राजधानी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन के लिए सूबे की आप सरकार अभियान चलाएगी. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगभग 10 लाख कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के होने के अनुमान है, जिसमें, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, सिक्योरिटी गार्ड, सिर पर सामान ढोने वाले लोग, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर आदि लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा, लेकिन हमारे रजिस्ट्रेशन नेटवर्क में 2,12,000 लोग ही हैं. बाकी के लोग रजिस्ट्रेशन नेटवर्क से बाहर हैं इसलिए अब सरकार बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन अभियान चला रही है.
सिसोदिया ने कहा कि इसके लिए पूरी दिल्ली में 300 जगहों पर जागरूकता अभियान और कुछ जगहों पर रजिस्ट्रेशन कैंप लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 262 जगह पर जहां सुबह मजदूर इकट्ठे होते हैं. इन सभी जगहों पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि इन लोगों को रजिस्ट्रेशन से होने वाले फायदे के बारे में जान सकें.
उन्होंने कहा कि आज यानी 22 फरवरी से 45 साइट अगले 1 महीने के लिए रजिस्ट्रेशन कैंप लगाए जाएंगे, कोई भी कंस्ट्रक्शन के काम में लगे मजदूर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. यह कैंप सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे लगेंगे. उन्होंने कहा कि एक साइट पर चार से पांच कैंप लगेंगे जिससे बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन किए जा सकें.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह रजिस्ट्रेशन करवाने से लोगों को सरकार की तरफ से बहुत से फायदे मिलते हैं. जैसे महिला वर्कर को मेटरनिटी बेनिफिट मिलता है यानी बच्चा होने पर 30,000 रुपये दिए जाते हैं और अगर किसी कारण मिसकैरेज हो जाता है तो इलाज के लिए 3000 रुपये की मदद दी जाती है.
60 साल होने पर पेंशन
उन्होंने कहा कि रजिस्टर्ड वर्कर के 60 साल के हो जाने पर उसे हर महीने 3000 की पेंशन दी जाती है. इसके अलावा अगर कोई रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर अपना घर बनाना चाहता है या खरीदना चाहता है तो उसको 3,00,000 से 5,00,000 तक की मदद दी जाती है. अगर किसी वजह से कंस्ट्रक्शन वर्कर दिव्यांग हो जाता है तो उसको 3000 महीने की डिसेबिलिटी पेंशन भी दी जाती है. अगर कोई पूरी तरह से डिसएबल हो जाता है तो उसे 1,00,000 मदद के तौर पर भी दिए जाते हैं.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर किसी कंस्ट्रक्शन वर्कर की मौत हो जाती है तो अंतिम संस्कार के लिए उसके परिवार को तुरंत 10,000 रुपये और एक्सीडेंट की वजह से मौत होने पर 2,00,000 रुपये मिलते हैं. प्राकृतिक मौत पर 1,00,000 रुपये की मदद दी जाती है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन वर्कर का बच्चा अगर स्कूल में पढ़ता है तो उसको पहली से आठवीं क्लास के लिए 6000 रुपये सालाना दिए जाते हैं, 9-10 क्लास के लिए 8 हजार रुपये, 11-12 क्लास के लिए 10 हजार रुपये सालाना दिए जाते हैं. इसी तरह जैसे-जैसे पढ़ाई बड़ी होती जाती वैसे ही मदद की रकम भी बड़ी हो जाती है.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि कंस्ट्रक्शन वर्कर के बच्चे की शादी हो या खुद की शादी हो तो महिलाओं के लिए 51000 रुपये और पुरुषों के लिए 35,000 रुपये की मदद दी जाती है. इसके अलावा डीटीसी में यात्रा करने के लिए पास भी मुफ्त दिया जाता है जो 2400 रुपये का होता है.