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MCD को दिल्ली सरकार की नसीहत, वेतन नहीं दे सकते तो हमें सौंप दें अस्पताल

हाल ही में दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि निगम के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनके बकाए वेतन का समय पर भुगतान नहीं किया गया तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे.

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दिल्ली सरकार की चेतावनी, नहीं संभाल सकते अस्पताल तो हमें दे दें (फाइल फोटो)
दिल्ली सरकार की चेतावनी, नहीं संभाल सकते अस्पताल तो हमें दे दें (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने एमसीडी को लिखा खत
  • मेडिकल स्टाफ समेत अन्य कर्मचारियों को नहीं मिला है वेतन
  • रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल की दी चेतावनी

दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने एमसीडी के अधीन आने वाले हिंदूराव और कस्तूरबा समेत अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ समेत कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं देने पर चिंता जताते हुए तीनों एमसीडी के कमिश्नर को पत्र लिखा है.

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पत्र में अधिकारियों ने कहा कि एमसीडी को इन अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के वेतन के मुद्दे का जल्द समाधान करना चाहिए. यदि वे वेतन का भुगतान करने और अस्पतालों को चलाने में असमर्थ हैं, तो उसे दिल्ली सरकार को सौंप दें, दिल्ली सरकार इन अस्पतालों को चला लेगी और सभी को समय पर वेतन भी देगी. इससे मरीज, उनके रिश्तेदार और दिल्ली वाले कोविड महामारी के इस दौर में आ रही परेशानी से बच सकेंगे.

हाल ही में दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि निगम के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनके बकाए वेतन का समय पर भुगतान नहीं किया गया और एमसीडी दिए गए समय के अंदर उन्हें भुगतान करने की असफल रहती है, तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे.

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मेडिकल स्टाफ को सैलरी न मिलने की समस्या और हड़ताल की वजह से कोविड मरीजों का समुचित इलाज करने होने में काफी असुविधा हो रही है और इस वजह से दिल्ली सरकार को चिकित्सा देखभाल के लिए हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कोविड व अन्य मरीजों को लोक नायक अस्पताल में शिफ्ट करने पर मजबूर होना पड़ा है. 

एमसीडी कमिश्नरों को संबोधित पत्र में हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और डीएमसी के अन्य अस्पतालों में कार्यरत मेडिकल, पैरा मेडिकल और अन्य कर्मचारियों को वेतन, मजदूरी और अन्य बकाए का भुगतान न किए जाने को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं. 

पत्र में ज़िक्र किया गया है कि समय पर वेतन और अन्य देय राशि का भुगतान करने में असमर्थता के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि कोविड मरीजों को उचित उपचार नहीं दिया जा रहा है और अन्य मरीजों को चिकित्सा सुविधा के लिए हिंदू राव अस्पताल से दिल्ली सरकार के लोक नायक अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

पत्र में लिखा गया है कि वेतन और मजदूरी के भुगतान देरी होने से डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के बीच ‘पीड़ा’ की स्थिति पैदा हो गई है, और कोविड के इलाज में दिल्ली के मरीजों और निवासियों को असुविधा भी हुई है.

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इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि पांचवें दिल्ली वित्त आयोग की मौजूदा सिफारिशों के तहत यूडी विभाग द्वारा बेसिक टैक्स असाइनमेंट (बीटीए) की पहली और दूसरी किस्तें और स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों द्वारा ग्रांट-इन-एड (जीआईए) पहले ही वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए डीएमसी को जारी की जा चुकी है.

इन जारी की गई राशियों के अलावा, डीएमसी के पास राजस्व सृजन के अपने स्रोत हैं और इस प्रकार कोविड महामारी के दौरान डीएमसी अस्पतालों में फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए वेतन का भुगतान करने के लिए धन की पर्याप्तता सुनिश्चित करनी होगी.

अतिरिक्त निदेशक (स्थानीय निकाय) ने एमसीडी को निर्देश दिया है कि वह डॉक्टरों, पैरा मेडिकल और अन्य कर्मचारियों के वेतन, मजदूरी व अन्य देय वेतनों के सभी भुगतानों को शीघ्रता से जारी करे और दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री के अवलोकन के लिए इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें. 

उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि अगर एमसीडी वेतन देने में असमर्थ है और अस्पतालों को चलाने में दिक्कतों का सामना कर रही है, तो उन्हें अपने अस्पतालों को दिल्ली सरकार को सौंपने पर विचार करना चाहिए, ताकि मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ दिल्ली की आम जनता को किसी और असुविधा से बचाया जा सके. 

 

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