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दिल्ली के विधायकों को PM से भी ज्यादा सैलरी पर सियासी संग्राम

दिल्ली सरकार अपने विधायकों की सैलरी बढ़ाने की पूरी तैयारी कर चुकी है. लेकिन वेतन बढ़ने से पहले ही आप के ही विधायक पंकज पुष्कर इसके खिलाफ हो गए. कांग्रेस ने भी इसके खिलाफ प्रदर्शन किया. बीजेपी पहले ही वॉकआउट कर चुकी है. मंजूरी मिलने से पहले सैलरी पर संग्राम छिड़ गया है.

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दिल्ली सरकार की ओर से विधायकों का वेतन 400 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश पर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. इसे मंजूरी मिली तो दिल्ली के विधायकों की सैलरी पीएम से भी ज्यादा होगी. इसके विरोध में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया. वहीं, आप विधायक पंकज पुष्कर ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि महंगाई सबके लिए बराबर है. इस तरह विधायकों की सैलरी बढ़ाने से समाज में गलत संदेश जाता है.

PM और विधायकों के वेतन में यह अंतर
प्रधानमंत्री का मूल वेतन 50 हजार रुपये है. मंजूरी मिली तो दिल्ली के विधायकों का मूल वेतन भी 50 हजार रुपये हो जाएगा. पीएम को हर महीने 1 लाख 10 हजार रुपये भत्ता मिलता है.. नया वेतन बिल मंजूर हुआ तो विधायकों का भत्ता 1 लाख 85 हजार रुपये हो जाएगा. इस तरह पीएम का कुल वेतन एक लाख साठ हजार रुपये है, जबकि बिल को मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली के विधायकों का कुल वेतन 2 लाख 35 हजार रुपये हो जाएगा.

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विधानसभा से यह बिल पारित हो चुका है.

देश भर में कितना है विधायकों का वेतन
अगर दिल्ली के विधायकों के वेतन बिल को मंजूरी मिली तो 2 लाख 35 हजार रुपये के साथ उनकी तनख्वाह देश में सबसे ज्यादा होगी. देश में दूसरे नंबर पर झारखंड के विधायकों का वेतन है. झारखंड के विधायकों को 2 लाख 10 हजार रुपये वेतन मिलता है. तीसरे नंबर पर बिहार के विधायक हैं, जिन्हें 1 लाख 41 हजार रुपये महीना मिलते हैं. यूपी के विधायकों को एक लाख रुपये वेतन मिलता है. महाराष्ट्र के विधायकों का वेतन 75 हजार रुपये है.

ऐसे होगा 2.35 लाख रुपये प्रति माह वेतन
मूल वेतनः 50 हजार रुपये
ऑफिस स्टाफः 70 हजार रुपये
विधानसभा क्षेत्र भत्ताः 50 हजार रुपये
फोन, इंटरनेट और फैक्सः 10 हजार रुपये
एरिया कनवेंस अलाउंसः 30 हजार रुपये
ऑफिस किरायाः 25 हजार रुपये
पूरी रकमः 2 लाख 35 हजार रुपये

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