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MCD हड़ताल: केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में कहा- हम फंड दे चुके हैं

दिल्ली सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं होने के अन्य कारण हैं. सरकार ने दावा कि नॉन प्लान फंड से एमसीडी को सारा फंड दिया जा चुका है.

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दिल्ली नगर निगम की हड़ताल का मामला हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है. मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल सरकार ने अदालत को कहा कि उसने तीनों नगर निगमों की सभी प्रकार की वित्तीय मदद की है. जबकि तीनों एमसीडी ने कहा कि सरकार के ऊपर अब भी 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया बाकी है.

हमने एमसीडी को सारा फंड दिया: केजरीवाल सरकार
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण नहीं है कि एमसीडी को कितना पैसा मिला और कितना नहीं, बल्कि जरूरी ये है कि दिल्ली में पैसों की कमी के चलते हड़ताल नहीं होनी चाहिए. दिल्ली सरकार ने दलील दी कि सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं होने के अन्य कारण हैं. सरकार ने दावा कि नॉन प्लान फंड से एमसीडी को सारा फंड दिया जा चुका है.

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दिल्ली सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया
दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी नगर निगमों की है. हालांकि वे उन्हें कोष जारी होने के बावजूद ऐसा करने में नाकाम रहे हैं. सरकार ने ये दलीलें एक जनहित याचिका के जवाब में दायर एक हलफनामे में दीं.

हड़ताल के चलते कई जगह ट्रैफिक जाम
एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल को मंगलवार को एक सप्ताह पूरा हो गया. हजारों कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए आज अपने हाथों में भीख का कटोरा लेकर सिविक सेंटर से राजघाट तक मार्च किया. एमसीडी कर्मचारियों के विरोध मार्च से आउटर रिंग रोड़ आईटीओ और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात बाधित रहा.

हाथ में कटोरा लेकर मार्च किया
पूर्वी एवं उत्तरी दिल्ली के अनेक स्थानों पर सफाई कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों की ओर से सड़कों पर कूड़ा फेंकने के कारण भी यातायात व्यवस्था बदहाल रही. प्रदर्शनकारियों में नगर निकाय के सफाई कमर्चारी, चिकित्सक, इंजीनियर, नर्स, चिकित्सा कर्मी एवं अन्य तकनीकी एवं लिपिकीय कर्मचारी शामिल थे. उन्होंने हाथ में भीख का कटोरा लेकर सिविक सेंटर से राजघाट तक मार्च किया.

हड़ताल से हजारों मरीज बेहाल
नगर निगम डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आर आर गौतम ने कहा, ‘हम दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार दोनों से हड़ताल समाप्त करने के लिए इसके समाधान की गुजारिश करते हैं. हमारी हड़ताल के कारण हजारों लोगों को परेशानी हो रही है. समय पर वेतन एवं अन्य भुगतान के लिए स्थायी समाधान नहीं होने के कारण हम यह हड़ताल करने के लिए बाध्य हुये हैं.’ उन्होंने कहा, ‘उत्तरी और पूर्वी दिल्ली निगमों के चिकित्सकों, नर्सो एवं अर्ध चिकित्सकीय कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आपातकालीन सेवा को छोड़कर ओपीडी एवं मरीजों की भर्ती समेत सभी सेवाएं बंद हैं.’

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8 हजार डॉक्टर हड़ताल पर
करीब 8,000 चिकित्सकों एवं स्थानीय चिकित्सकों, सात अस्पतालों के 10,000 नर्सों एवं अर्ध चिकित्सक कर्मचारियों तथा एडीएमसी और ईडीएमसी के तहत आने वाले पॉलीक्लीनकों एवं औषधालयों के सैकड़ों कर्मचारी 27 जनवरी से हड़ताल पर हैं, जिसके कारण उत्तरी और पूर्वी दिल्ली के हजारों निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दो नगर निगमों के विद्यालयों के अध्यापकों की हड़ताल के कारण भी लाखों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुयी है.

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