दिल्ली जिम एसोसिएशन ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोविड मैनेजमेंट के लिए बनाए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(GRAP) पर शिकायती अंदाज में चिट्ठी लिखी है. ग्रेडेड रिस्पांस प्लान के मुताबिक अगर दिल्ली में कोविड पॉजिटिविटी दर 0.5 फीसदी से ज्यादा बढ़ती रही तो इसका येलो जोन पर पड़ेगा. येलो जोन के तहत जिम को भी बंद कर दिया जाएगा.
दिल्ली जिम एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना संकट के बढ़ते ही जिम बंद होने वाली पहली इकाई होगी वहीं पार्क, रेस्तरां, बार जैसे संस्थान 50 फीसदी क्षमता पर काम कर सकेंगे. जिम बंद किए जाने पर एसोसिएशन ने चिंता जताई है और सरकार से से शिकायत की है.
दिल्ली जिम एसोसिएशन ने पत्र में लिखा है, 'हमेशा जिम को ही क्यों निशाना बनाया जाता है? किसी भी जिम से कोरोना फैलने का कोई सबूत नहीं है लेकिन फिर भी हमारी रोजी-रोटी सबसे पहले बंद होने वाली और सबसे आखिरी में खुलने वाली है.'
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पहले से बुरे दौर से गुजर रही जिम इंडस्ट्री!
दिल्ली जिम एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चिराग सेठी ने कहा, 'इस फैसले से सदस्यों में खलबली मच जाएगी. पिछले कुछ महीनों के दौरान उद्योग को पहले ही बहुत नुकसान हुआ है. यह निर्णय जिम उद्योग को बुरी तरह प्रभावित करेगा और पूरा उद्योग बस ढह सकता है.'
चिराग सेठी ने यह भी कहा, 'मकान मालिक अब जिम के लिए जगह किराए पर लेने के बारे में संशय में है क्योंकि जिम बंद करने का आदेश कभी भी आ सकता है.अब हमारे कर्मचारी भी एक अलग इंडस्ट्री की ओर रुख कर रहे हैं. जिम उद्योग में इतनी अनिश्चितता है कि लोग टिकना नहीं चाह रहे हैं.'
50 फीसदी क्षमता के साथ जिम खोलने की भी रहे अनुमति!
दिल्ली जिम एसोसिएशन ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) से अपील करते हुए कहा है कि पूरे मामले में पुनर्विचार कर जिम को येलो जोन में 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी जाए.
लॉकडाउन-कोरोन से टूटी जिम मालिकों की कमर!
दरअसल दिल्ली में जिम बंद होने से जिम मालिकों की आर्थिक रीढ़ बुरी तरह से टूट गई है. दो बार के लंबे खिंचे लॉकडाउन में उनकी आर्थिक सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. स्थानीय स्तर पर कई लोकल जिमों को बंद तक करना पड़ा क्योंकि किराया तक दे पाना जिम मालिकों के लिए मुश्किल हो गया है. ऐसे में जिम मालिक भी असमंजस की स्थिति में हैं कि वे इसी उद्योग में बने रहें या छोड़ दें.