विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से कराए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है. 'एम्बिएंट एयर पॉल्यूशन' नामक इस रिपोर्ट के 2014 के संस्करण में 91 देशों के करीब 1600 शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति का ब्यौरा दिया गया है. राष्ट्रीय राजधानी वायु प्रदूषण का स्वरूप 2.5 माइक्रोन्स से कम पीएम 2.5 सघनता के तहत आता है जो सबसे गंभीर माना जाता है.
सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट की अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ का नया विवरण भारत में स्वास्थ संबंधी चिंताओं की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा, 'बीमारियों से जुड़े वैश्विक आंकड़ों के अनुसार भारत में वायु प्रदूषण मौत का पांचवां सबसे बड़ा कारण है. छोटे कण हमारे फेफड़ों के भीतर जाते हैं और सांस तथा हृदय संबंधी समस्या पैदा करते हैं. इनसे फेफड़े का कैंसर भी होता है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ज्यादातर शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पहले के वर्षों के मुकाबले ज्यादा बिगड़ी है. उसने कहा, कई ऐसे कारण हैं जो वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं. इन कारणों में कोयले से संचालित बिजली संयंत्र, निजी मोटर वाहनों पर निर्भरता और भवनों में उर्जा के बड़ी मात्रा में इस्तेमाल जैसी चीजें शामिल हैं.