दिल्ली हाई कोर्ट ने डीडीसीए द्वारा दायर पांच करोड़ रुपए की मानहानि के सिविल केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी से निलंबित किए गए बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद से बुधवार को कहा कि वे अपने लिखित बयान 30 दिनों के अंदर दाखिल करें.
DDCA के खिलाफ कथित टिप्पणी
दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने अपनी कार्यप्रणाली और वित्तीय कामकाज के खिलाफ केजरीवाल और आजाद द्वारा की गई कथित टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
मुकदमे की पूरी कॉपी न होने का दिया हवाला
संयुक्त रजिस्ट्रार अनिल कुमार सिसोदिया ने केजरीवाल और आजाद को बुधवार को बयान दाखिल नहीं कर पाने के बाद निर्देश दिया कि वे 30 दिन के अंदर अपने बयान दाखिल करें. दोनों ने इस आधार पर बयान दाखिल नहीं किए कि दोनों को मुकदमे की पूरी कॉपी नहीं मिली थी.
DDCA एक हफ्ते में पूरी कॉपी दे
कोर्ट ने कहा, ‘प्रतिवादी नंबर 1 और 2 (केजरीवाल और आजाद) को जारी समन पर उनकी तरफ से वकील पेश हुआ और कहा कि उन्हें पूरे दस्तावेज नहीं मिले हैं. वादी (डीडीसीए) को निर्देश दिया कि वह प्रतिवादियों को 2 मार्च, 2016 से एक हफ्ते में कॉपी उपलब्ध कराए.’
कोर्ट ने कहा, ‘प्रतिवादी दस्तावेज मिलने के बाद 30 दिन के अंदर अपने लिखित बयान (डीडीसीए द्वारा दायर मुकदमे के संबंध में) दाखिल करेंगे. उसके बाद डीडीसीए चार हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करेगा. दोनों पक्षों को 2 मार्च से 10 हफ्ते के अंदर अपने मूल दस्तावेज जमा करने होंगे.