दिल्ली में बुधवार को हुए भारी बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव से VVIP भी नहीं बच पाए. हाई कोर्ट के जजों को भी अपने घरों और हाई कोर्ट के बाहर जलभराव का सामना करना पड़ा. ऐसे मे एक नालों की सफाई से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जस्टिस बदर दुर्रेज ने कहा, 'दिल्ली में नाले क्यों नहीं साफ होते हैं, हम ये बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं और हर साल ऐसी स्थिति क्यों पैदा होने दी जाती है?'
नालों की सफाई नहीं होने पर याचिका
दिल्ली में हुए जलभराव और ट्रैफिक जाम पर कड़ी टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि शहर में बंद पड़े नालों के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जा रहा है. कोर्ट हर साल इस तरह की स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकती है. कोर्ट साउथ दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन इलाके में नालों के साफ न होने से जलभराव के एक मामले की सुनवाई कर रही है.
जगह-जगह जलभराव से दो-चार हुए जज
जस्टिस बदर जुर्रेज अहमद ने कहा कि जब वो सुबह अकबर रोड के अपने घर से निकले तो घर के बाहर भी पानी था. उन्होंने देखा कि उप-राष्ट्रपति आवास के सामने भी जलभराव हो रखा था. हाई कोर्ट पहुंचे तो वहां भी जलभराव था, कोर्ट गंभीर था कि सड़कों पर पानी इक्ट्ठा होने के कारण पुल बन गए हैं, जिनमें मच्छर पनपने का भी खतरा रहेगा. जिससे डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बढ़ेंगी.
अदालत ने जल बोर्ड को दिया आदेश
कोर्ट के सामने साउथ एक्सटेंशन पार्ट-1 और उसके पास कुशक नाले की फोटो भी पेश की गई. जिनको देखकर कोर्ट ने कहा कि नाले ओवरफ्लो नहीं हो रहा है, बल्कि घटिया ड्रेनेज और सीवरेज के कारण इस इलाके में पानी भर रहा है. इसलिए एसडीएमसी और जल बोर्ड से कहा है कि वह देखें कि उस इलाके में जलभराव न हो पाए. कोर्ट ड्रेनेज से जुड़े मामले पर गुरुवार भी सुनवाई करेगा.