दिल्ली एमसीडी के सफाई कर्मचारियों की वेतन में देरी सहित अन्य मामलों को लेकर न्यायालय में मामला विचाराधीन है. ऐसे में हड़ताल पर जाने की धमकी मिलने के बाद कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान उपस्थित न होने पर सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी के खिलाफ वारंट जारी किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में आज सभी सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी को पेश होना था, लेकिन कई बार संपर्क करने के बाद भी जब वे सुनवाई में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वह सफाई कर्मचारियों की वेतन, पेंशन, बोनस आदि सभी मुद्दों को लेकर मदद करेगी, लेकिन अगर वह हड़ताल पर गए तो फिर कोर्ट उनके खिलाफ भी कार्यवाही करने पर पीछे नहीं हटेगी.
कोर्ट ने कहा कि सफाई कर्मचारियों का काम आवश्यक सेवाओं में आता है और वह हड़ताल करके आम जनता को तंग नहीं कर सकते हैं. कोर्ट उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दे सकता है. खासतौर से तब जब उनकी तनख्वाह और पेंशन से जुड़े मामलों की सुनवाई लगातार कोर्ट कर रहा है और उसका समाधान भी खोज रहा है.
कोर्ट ने कहा कि पिछली सुनवाई पर भी कर्मचारियों की तनख्वाह देर से मिलने को लेकर उन्होंने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी और साथ ही हर महीने कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह मिले इसके लिए कोर्ट लगातार प्रयत्नशील है. लेकिन अगर कर्मचारियों को वेतन मिलने में कुछ देरी हो रही है तो फिर ऐसी हालत में जब कोर्ट में मामला विचाराधीन है, तो सफाई कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने की आवश्यकता नहीं है. इस मामले में अगली सुनवाई अगले हफ्ते 9 मार्च को होगी.