दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई की जिसमें दिल्ली एयरपोर्ट पर पक्षियों के विमान से टकराने के खतरे को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई है. याचिका में दिल्ली एयरपोर्ट पर बर्ड एवॉयडेंस मॉडल लागू करने की भी मांग की गई है.
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, FSSAI, MCD, DPCC और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और उन्हें 6 सप्ताह के अंदर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि उसे यह देखना है कि इन चिंताओं को हल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 मई को निर्धारित की है.
याचिका में कहा गया है कि वह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बढ़ती हुई जंगली जानवरों और पक्षियों के विमान से टकराने की घटनाओं से चिंतित हैं. याचिका में कहा गया है कि IGI एयरपोर्ट पर पक्षियों/जंगली जानवरों का विमानों से टकराना न केवल विमान में सवार यात्रियों के जीवन और सुरक्षा के लिए खतरे का कारण है, बल्कि विमान दुर्घटना की स्थिति में आसपास के निवासियों के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है.
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यह बताया गया है कि 2018-2023 के बीच IGI एयरपोर्ट पर कुल 705 पक्षी टकराने की घटनाएं हुईं, जो 6 विभिन्न राज्यों के 29 एयरपोर्ट्स पर रिपोर्ट किए गए कुल पक्षी टकराने की घटनाओं से भी अधिक हैं.
याचिका के अनुसार, इन घटनाओं का प्रमुख कारण IGI एयरपोर्ट के आस-पास के इलाके में स्लॉटर हाउस, मांस दुकानों, डेयरी फार्मों और पर्यावरणीय प्रदूषण की उपस्थिति है. यह भी तर्क दिया गया है कि IGI एयरपोर्ट के आसपास स्लॉटर हाउस, मांस दुकानों, डेयरी फार्मों का संचालन और अवशेषों का निस्तारण विभिन्न कानूनों का उल्लंघन है.