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कोरोनाः शवों के साथ लापरवाही पर हाई कोर्ट ने जताया असंतोष, कहा- आदेश का हो पालन

दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों के साथ हो रही लापरवाही के मामले में दिल्ली सरकार और तीनों एमसीडी और एनडीएमए को नोटिस जारी किया है.

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दिल्ली सरकार, तीनों एमसीडी और एनडीएमए से जवाब तलब
दिल्ली सरकार, तीनों एमसीडी और एनडीएमए से जवाब तलब

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  • दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनडीएमए को नोटिस
  • शवों की स्थिति पर हाई कोर्ट ने असंतोष जताया है

दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वाले लोगों के शवों के साथ लापरवाही के मामले में हाई कोर्ट ने असंतोष जाहिर किया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार, तीनों एमसीडी और एनडीएमए से जवाब तलब किया है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों के साथ हो रही लापरवाही के मामले में दायर याचिकाओं पर दिल्ली सरकार, तीनों एमसीडी और एनडीएमए को नोटिस जारी किया है.

एनजीओ मोक्षधा पर्यावरण और वन संरक्षण समिति की याचिका पर हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा है कि वो हरित शमशान घाट का निर्माण करती है. दिल्ली में पिछले कुछ वक़्त में वो 19 हरित शमशान घाट का निर्माण चुके हैं.एनजीओ ने कोर्ट से मांग की है कि कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को हरित श्मशान घाट में जलाने की इजाजत दी जाए.

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एनजीओ की तरफ से पेश वकील गौरव बंसल ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच से कहा कि इस श्मशान घाट में लकड़ी कम लगती है. यहां हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जा सकता है जबकि इलेक्ट्रिक जलाते वक्त पूरे रीति-रिवाज का पालन नहीं होता है.

इस मामले में सोमवार को एक अवमानना याचिका भी दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया था कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अस्पताल के अंदर डेड बॉडीज बुरी हालत में पड़ी हुई हैं. मरीजों के बेड के आसपास कॉरिडोर हर जगह शव पड़े हुए हैं. जबकि हाई कोर्ट के साफ आदेश थे कि डेड बॉडीज का तुरंत डिस्पोजल किया जाएगा.

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हाई कोर्ट ने आज उस याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें एक एनजीओ ने डेड बॉडीज के दाह संस्कार के लिए सरकार की मदद करने की बात कही है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने हालिया स्थिति को लेकर असंतोष जाहिर किया है. कोर्ट ने कहा है कि शवों के दाह संस्कार को लेकर हमारे आदेशों का पालन होना चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 जून को करेगा.

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बता दें कि बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भी शवों के डिस्पोजल को लेकर सुनवाई हुई थी, जिसमें सरकार और एजेंसियों को शीर्ष कोर्ट में रिपोर्ट देने को कहा गया था. सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा कि दिल्ली में शवों के रख-रखाव की हालत भी काफी खराब है. परिवार के लोगों को मौत की जानकारी नहीं दी जा रही है.

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गौरतलब है कि बीते दिनों दिल्ली से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जहां पर शवों को एक साथ जलाया जा रहा है. इसके अलावा एक अस्पताल का वीडियो सामने आया था, जिसमें दिख रहा था कि शवों के साथ ही कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

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