दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष रॉकी तुसीद की मुश्किलें चुनाव जीतने के बाद भी खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं. हाई कोर्ट मे एक तरफ छात्र संघ अध्यक्ष पद के चुनावों को रद्द करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है तो दूसरी तरफ डूसू चुनाव पोस्टर मामले में भी हाईकोर्ट ने रॉकी को कड़ी फटकार लगाई है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष रॉकी तुसीद को हाइकोर्ट ने कड़ी फ़टकार लगाई है. कोर्ट ने रॉकी तुसीद से कहा कि आज आप छात्र नेता हैं कल को एमएलए या एमपी बनोगे तो क्या नेता बनकर भी ऐसे ही अनुशासनहीनता करोगे. क्या आप इस तरह की लीडरशिप लोगों को देंगे. क्या आपको पता है कि जो पोस्टरबाजी आपने मेट्रो में की है उसमें 10 साल की सजा सुनाई जा सकती है.
कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप लोगों के लिए यह सिर्फ एक मजाक है. क्या आप जानते हो कि यह दिल्ली शहर के खिलाफ हिंसा है कि आपने चुनाव के दौरान पूरे शहर में पोस्टर-बैनर और स्प्रे लगाकर बदरंग कर दिया है. हम आपके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि आप यह सब करते रहेंगे. रॉकी को आज कोर्ट ने खुद पेश होने के निर्देश दिए थे लेकिन वह कोर्ट नहीं आया, कोर्ट ने कहा कि रॉकी पूरे शहर मे पोस्टर्स पर छाया हुआ है लेकिन कोर्ट से क्यों गायब है.
हाइ कोर्ट डूसू चुनाव के दौरान डीफेसमेन्ट से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें नियमों के खिलाफ यूनिवर्सिटी कैंपस, मेट्रो और बाकी के इलाकों को पोस्टरबाजी करके ख़राब कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने रॉकी तुसीद समेत बाकी के डूसू उम्मीदवारों को एक हफ़्ते का वक़्त दिया है कि वह बतायें कि डीफेसमेन्ट को कैसे ठीक करके शहर को साफ किया जा सकता है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि हमें इस साल की दीवाली साफ-सुथरी चाहिए. इस पूरे मामले को कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा है कि अगले साल होने वाले चुनावों में दोबारा से यह सब चीजें नहीं दोहरायी जानी चाहिए. रॉकी की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई हैं, रॉकी के छात्रसंघ अध्यक्ष पद के चुनाव को खारिज करने के लिए एक और याचिका कोर्ट में लगाई गई है, जिसमें कहा गया है कि 2014 में उसके खिलाफ राजौरी गार्डन थाने में मर्डर का केस दर्ज है और कोर्ट ने इस मामले में भी रॉकी को नोटिस भेजा है.