बिजली कंपनियों के ऑडिट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने CAG ऑडिट कराने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाई कोर्ट ने बुधवार को निजी बिजली वितरण कंपनियों की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली. कोर्ट ने अपना आदेश बाद में सुनाने का निर्णय लिया है.
इन कंपनियों ने उनके खाते की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से कराने के आम आदमी पार्टी सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने बिजली वितरण कंपनियों टाटा पावर डेल्ही डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली और बाद में उचित आदेश सुनाएगी.
बिजली कंपनियों ने हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश के 24 जनवरी के आदेश के खिलाफ वृहत पीठ का दरवाजा खटखटाया था. एकल पीठ ने कैग से उनके खाते की ऑडिट कराने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था और उनसे ऑडिट की प्रक्रिया में कैग के साथ पूरा सहयोग करने को कहा था. बिजली कंपनियों की याचिकाओं के अलावा दो सदस्यीय पीठ ने एनजीओ यूनाइटेड आरडब्ल्यूए ज्वाइंट एक्शन (यूआरजेए) की जनहित याचिका पर भी अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
उस जनहित याचिका में भी बिजली कंपनियों के खाते की कैग से ऑडिट कराने की मांग की गई थी. बिजली कंपनियों ने कल अदालत में दावा किया था कि कैग से उनके खाते की ऑडिट कराने का 'आप' सरकार का आदेश कई पहलुओं से अवैध है.
इनपुट-भाषा