कन्हैया कुमार के मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने जेएनयू के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. जेएनयू ने हाल ही में कन्हैया कुमार पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए जुर्माना लगाया था.
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कन्हैया कुमार को लेकर 4 जुलाई को दिया गया जेएनयू का आदेश तर्कहीन, अनियमित और अवैध है. कोर्ट के आदेश सुनाने के दौरान जेएनयू प्रशासन के वकील ने कहा कि वो कन्हैया कुमार पर लगाये गए जुर्माने को वापस ले रहे हैं.
Delhi High Court sets aside JNU's move to penalise Kanhaiya Kumar for breach of discipline, says, "JNUs order against Kanhaiya Kumar is illegal, irrational and irregular." Court also asks JNU to decide matter after a proper hearing.
— ANI (@ANI) July 20, 2018
हाई कोर्ट ने कहा, 'बेहतर है कि आप जुर्माना वापस ले रहे हैं वरना मैं अपने आदेश में यह लिखा था कि आपने जो जुर्माना कन्हैया कुमार पर लगाया है उसमें क्या-क्या खामियां हैं और क्यों इस तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए था.' कन्हैया कुमार के खिलाफ जेएनयू की कार्रवाई गैरकानूनी और अतार्किक है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू को इस मामले में दोबारा कन्हैया कुमार को सुनने और पूरे मामले की दोबारा से देखने के आदेश दिए हैं. जेएनयू के लिए कोर्ट से आया यह फैसला बड़ा धक्का है.
वहीं अपने बचाव में कन्हैया कुमार की वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि बिना सुनवाई का मौका दिए ही जेएनयू की उच्च स्तरीय जांच समिति ने उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और कहा गया कि अगर यह जुर्माना नहीं भरा गया तो वह अपनी थीसिस जमा नहीं करा पाएंगे.
कन्हैया कुमार के अलावा उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत कुछ और छात्रों ने भी ने जेएनयू से अपने निष्कासन और जुर्माने को लेकर भी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है. इस पर अब 16 अगस्त को सुनवाई होगी. कोर्ट से आए इस फैसले के बाद कन्हैया कुमार के बाद बाकी छात्रों ने भी राहत की सांस ली है.
गौरतलब है कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में हुए एक कार्यक्रम में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगे थे. इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ के उस समय के अध्यक्ष कन्हैया और उनके दो साथियों उमर ख़ालिद और अनिर्बन को गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि तीनों बाद में ज़मानत पर छूट गए. मगर कन्हैया कुमार इससे पहले 23 दिन जेल में रहे.
अभी तक दिल्ली पुलिस की तरफ़ से इस मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. कन्हैया को ज़मानत हाईकोर्ट से मिली थी. उसके बाद सेशन कोर्ट ने ज़मानत पक्की कर दी थी. इसके बाद से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है. मामला दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के पास है. जो अब तक कोई चार्जशीट फ़ाइल नहीं कर पाया है. लेकिन कन्हैया को अब भी देश से बाहर आने-जाने से पहले कोर्ट को बताना पड़ता है.
बता दें कि जेएनयू की इस जांच समिति ने आरोपी 21 छात्रों को अनुशासन तोड़ने का दोषी पाया था. हालांकि कमेटी के फैसले का जेएनयू छात्र संघ के अलावा विश्वविद्यालय के टीचर एसोसिएसन ने भी खारिज कर दिया था.