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स्वास्थ्य विभाग के कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों का दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

'काम कराएं ज्यादा, वेतन पाएं आधा' का नारा लगाते हुए दिल्ली सरकार के कर्मचारी केजरीवाल सरकार को अपने वादे की याद दिला रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने आम आदमी पार्टी और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.

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कर्मचारियों का आम आदमी पार्टी और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ हल्ला बोल
कर्मचारियों का आम आदमी पार्टी और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ हल्ला बोल

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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लगभग तीन हजार कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारी दिल्ली सचिवालय के नजदीक हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने समान कार्य, समान वेतन लागू करने का वादा किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार अनदेखी कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के तमाम विभागों और कई अहम प्रोजेक्ट से जुड़े कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी भी दी है.

समान कार्य, समान वेतन की मांग

'काम कराएं ज्यादा, वेतन पाएं आधा' का नारा लगाते हुए दिल्ली सरकार के कर्मचारी केजरीवाल सरकार को अपने वादे की याद दिला रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने आम आदमी पार्टी और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. दिल्ली सचिवालय के नज़दीक किसान घाट पर काफी सुरक्षा के बीच तमाम कर्मचारी अपनी समान वेतन के साथ-साथ रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं.

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कर्मचारियों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जनवरी 2017 में ऐलान किया था कि मार्च 2017 तक समान कार्य, समान वेतन का लाभ मिलने लगेगा. लेकिन सितंबर 2017 तक भी उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग तक धक्के खाना पड़ रहा है.

मोर्चा संभाल रहीं भावना ने बताया कि कर्मचारियों को नियमित करने के दावे किए गए लेकिन सिर्फ कागज पर. इसलिए तमाम प्रदर्शनकारी तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक सरकार समान वेतन करने की मांग को मान नहीं लेती है.

दिल्ली 1998 से कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे राकेश चौधरी ने बताया कि कई हड़ताल और विरोध के बावजूद भी मंत्रियों ने वादा पूरा नहीं किया. इतने सालों में मंत्री आए और आश्वासन देकर चले गए. अरविंद केजरीवाल सत्ता में यही कहकर आये थे कि कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पक्की की जाएगी. हड़तालियों का कहना है कि नौकरी पक्की करना तो दूर, आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद समान वेतन देना भी शुरू नहीं किया है.

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