दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में कथित रूप से गलत दवाई देने के चलते 3 बच्चों की मौत के मामले में केजरीवाल सरकार एक्शन में आ गई है. सरकार ने आरोपी 3 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया. दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, दिल्ली मेडिकल काउंसिल से मामले की जांच कराई जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नही जाएगा.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, सतेंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि कलवंती सरण अस्पताल में कुछ दिन पहले दवाई के रिएक्शन के चलते तीन बच्चों की मौत के मामले में तीन डॉक्टरों को हटा दिया गया है. इस मामले में सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. दिल्ली सरकार ने CDMO डॉ. गीता की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी बनाई है. कमेटी अगले 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी.
भाजपा ने साधा निशाना
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लीनिक पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि गलत दवाई देने के चलते दिल्ली में तीन बच्चों की मौत हो गई. आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, मोहल्ला क्लीनिक भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुके हैं. इनमें गलत दवाई दी जा रही है, जिससे बच्चों की जान जा रही है.
आदेश गुप्ता ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा, मोहल्ला क्लीनिक में कौन डॉक्टर है? कौन कंपाउंडर है. किसी को कुछ नहीं पता. अभी तक 16 बच्चे बीमार हुए, 3 बच्चों की जान चली गई. जो दवाई 4 साल से कम बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए थी, फिर भी दी गई.
'मोहल्ला क्लीनिक में खांसी का भी नहीं हो पा रहा इलाज'
आदेश गुप्ता ने कहा, जिस मॉडल का गुणगान अरविंद केजरीवाल पंजाब, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर के करते हैं, उस मॉडल में एक मामूली सी खांसी का भी इलाज नहीं हो पा रहा है. मोहल्ला क्लीनिक पूरी तरह से फेल है और भ्रष्टाचार का केंद्र है और अरविंद केजरीवाल अपने पोस्टर लगा रहे हैं. बच्चे मरें या ठीक हों, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.
क्या है पूरा मामला?
केंद्र सरकार के डीजीएचएस ने 7 दिसंबर को दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी कि कलावती सरन अस्पताल में डिस्ट्रोमेथोर्फन सिरप के पॉइजनिंग की वजह से 16 मामले रिपोर्ट हुए थे, इसमें से 3 की मौत हो गई. यह दवा मोहल्ला क्लीनिक में इन बच्चों को प्रिसक्राइब की गई थी. इसके बाद मामले को लेकर सीडीएससीओ ने सिरप की जांच की, जिसमें इसकी क्वॉलिटी सहीं नहीं पाई गई. इस रिपोर्ट के आने के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार नोटिस जारी किया और कहा कि सभी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी में 4 साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा न दी जाए.