नर्सरी में दाखिले पर अनिश्चितता खत्म करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को स्कूलों को उन बच्चों का नामांकन शुरू करने के लिए कहा जिनके नाम लॉटरी के जरिए चुने गए हैं.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी.डी. अहमद और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने हालांकि यह भी साफ किया कि नामांकन प्रक्रिया में अंतर्राज्यीय स्थानांतरण श्रेणी के छात्रों के मामले शामिल नहीं होंगे, क्योंकि ऐसे छात्रों के मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई होगी. इस बीच पीठ ने उन बच्चों के माता-पिता को स्कूल का चयन करने के लिए 9 अप्रैल तक का समय दिया जिनका चयन एक से अधिक स्कूलों में हो गया है. ऐसा नहीं करने वाले माता-पिता किसी भी स्कूल में नामांकन कराने का अवसर खो देंगे.
पीठ ने कहा, 'जिन याचियों (अंतरराज्यीय स्थानांतरण श्रेणी के माता-पिता को छोड़) का लॉटरी के जरिए एक से अधिक स्कूल में चयन हो गया है वे 9 अप्रैल तक स्कूल का चुनाव कर लें ताकि दूसरे स्कूल का स्थान रिक्त हो जाए.' अदालत ने यह भी कहा है कि अगली सुनवाई तक किसी भी स्कूल द्वारा ड्रॉ नहीं निकाला जाएगा.
अदालत ने शिक्षा विभाग को गुरुवार के आदेश के बाद भी खाली रह गई सीटों की संख्या के साथ स्कूलों का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा है कि खाली रह गई सीटें दूसरे राज्यों से तबादला वाली श्रेणी, प्रतीक्षा सूची या चयन से बाहर रहने वाले बच्चों को दी जाए, इसके बारे में अगली तिथि को सुनवाई होगी.