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बिजली को छोड़ बाकी क्षेत्रों को एक श्रेणी में रखने के खिलाफ दायर की गई याचिकाएं HC ने की खारिज

कोयला ब्लॉक नीलामी के जरिए बिजली को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों को एक ही श्रेणी में रखने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट

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कोयला ब्लॉक नीलामी के जरिए बिजली को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों को एक ही श्रेणी में रखने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 18 महीने बाद इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.

डबल बेंच ने 13 अप्रैल 2015 को ही इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था. इस मामले में उत्कल कोल लिमिटेड मोनेट इस्पात एंड एनर्जी लिमिटेड, जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज लिमिटेड और भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

कंपनियों ने इससे पहले दलील दी थी कि गलत वर्गीकरण के कारण लोहा और स्टील जैसे बुनियादी उद्योग नीलामी में एल्यूमीनियम कंपनियों से पिछड़ रहे हैं. उनका कहना था कि 2014 के कोयला अध्यादेश के तहत इनका संरक्षण होना चाहिए.

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