दिल्ली को दिए जाने वाले पानी की कटौती करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा को चेतावनी भी दी कि अगर दिल्ली का पानी ऐसे ही रोका गया तो कोर्ट खुद हाई लेवल कमेटी बनाएगा और इस बात की जांच कराएगा कि उसने किन वजहों से दिल्ली का पानी रोका. फिलहाल हरियाणा ने दिल्ली को दिए जाने वाले पानी में 30 फीसदी की कटौती कर दी है.
हाईकोर्ट ने हरियाणा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की गंभीर शिकायत पर वो अपना हलफनामा सोमवार तक हमें दें और बताएं कि दिल्ली का पानी क्यों रोका जा रहा है. कोर्ट ने कहा है कि अगर वह हरियाणा सरकार के हलफनामे से संतुष्ट नहीं हुआ तो फिर हाई लेवल कमेटी के माध्यम से जांच के लिए तैयार रहे.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने हाईकोर्ट में एक अर्जी लगाकर कहा है कि हरियाणा ने दिल्ली को करीब 30 फीसदी पानी की कटौती कर दी है. दिल्ली जल बोर्ड ने अपनी अर्जी में कहा है कि जनवरी के महीने में ही अभी पानी की किल्लत बढ़ने लगी है और अगले आने वाले महीनों में अगर पानी इसी रफ्तार से कम मिला तो गर्मियों में दिल्ली में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेगी.
मोनक कनाल के माध्यम से दिल्ली आने वाले पानी को जगह-जगह इकट्ठा करके पूरी दिल्ली के लिए पानी की सप्लाई का काम किया जा रहा है, जगह-जगह मेड़ बनाकर पानी को रोका जा रहा है और उसी का नतीजा है कि दिल्ली के एनडीएमसी और सेंट्रल दिल्ली के इलाके में पिछले 10 दिन से पानी की किल्लत का सामना करने को मजबूर है.
यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा पर दिल्ली का पानी रोकने का आरोप लगा है, लेकिन इस बार समस्या को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट बेहद गंभीर है. ऐसे में सोमवार को हरियाणा सरकार का इस मामले में कोर्ट में आने वाला हलफनामा बेहद अहम होगा. दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 5 फरवरी को करेगा.