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दिल्ली हिंसाः राष्ट्रगान गाने के लिए मुस्लिम युवक की पिटाई, मौत पर HC ने पुलिस से मांगा जवाब

दिल्ली हिंसा के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. इस वीडियो में 5 युवक सड़क पर गिरे हुए दिख रहे थे और इनकी पिटाई खुद पुलिसकर्मी कर रहे थे. साथ ही वीडियो में यही पुलिसकर्मी इन सभी युवकों को राष्ट्रगान जन गण मन गाने के लिए भी बोल रहे थे. हाईकोर्ट ने अब नोटिस जारी किया है.

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दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फरवरी में CAA प्रदर्शन के दौरान वायरल हुआ था य़ह वीडियो
  • प्रदर्शनकारी मुस्लिम लड़कों में से एक की मां ने दाखिल की याचिका
  • HC ने नोटिस जारी कर क्राइम ब्रांच से कार्रवाई के लिए रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज गुरुवार को उस याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है जिसमें फरवरी में हुई हिंसा के दौरान मुस्लिम लड़कों को पुलिस द्वारा राष्ट्रगान जन गण मन गाने के लिए जबरन दबाव बनाकर वीडियो बनाया गया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. बाद में इस लड़के की पिटाई के कारण मौत हो गई थी.

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इस याचिका में कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई है. याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में पीड़ित लड़कों में से एक की मां की तरफ से लगाई गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं. स्टेटस रिपोर्ट में क्राइम ब्रांच को यह बताना होगा कि फिलहाल इस मामले में जांच कहां तक पहुंची है.

चोटों की वजह से मरने वाले लोगों में से एक का परिवार हाईकोर्ट चला गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर क्राइम ब्रांच से कार्रवाई के लिए रिपोर्ट मांगी है. अब इस मामले की सुनवाई 1 फरवरी को होगी. 

हत्या का मामला दर्ज होने और जांच क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित होने के बावजूद, याचिका में दावा किया गया है कि नौ महीने बीतने के साथ, यह "स्पष्ट दिख रहा है कि क्राइम ब्रांच द्वारा जांच बस एक दिखावा है." मृतक फैजान की मां की याचिका के जरिए कोर्ट की निगरानी वाली एसआईटी जांच की मांग की गई है. 

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दरअसल दिल्ली हिंसा के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. इस वीडियो में 5 मुस्लिम युवक सड़क पर गिरे हुए दिख रहे थे और इनकी पिटाई खुद पुलिसकर्मी कर रहे थे. साथ ही वीडियो में यही पुलिसकर्मी इन सभी मुस्लिम युवकों को 'जन गण मन ' गाने के लिए भी बोल रहे थे.

यह वीडियो इस साल फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान वायरल हुआ था.

24 फरवरी को हिरासत में हुई थी मौत

वीडियो में साफ दिख रहा था कि इन युवकों की बेरहमी से पिटाई की गई है. और इसी पिटाई के चलते इन 5 युवकों में से एक 23 साल के फैजान की मौत भी हो गई. फैजान को 24 फरवरी को दिल्ली पुलिस के द्वारा हिरासत में लिया गया था लेकिन स्वास्थ्य कारणों से 25 फरवरी को रिहा कर दिया गया था.

26 फरवरी को उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई, लेकिन अपनी मौत से पहले फैजान ने अपनी मां को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद बेरहमी से पुलिस द्वारा की गई उसकी पिटाई के बारे में जानकारी दी थी.

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फैजान की मां की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि सड़क पर हुई मारपीट के बाद भी फैजान को अवैध तरीके से पुलिस ने हिरासत में लिया और ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया. इतना ही नहीं इस दौरान ना तो उसको कोई मेडिकल हेल्प दी गई और ना ही परिवार वालों से मिलने दिया गया. जब पुलिसकर्मियों को इस बात का एहसास हो गया क्यों उसकी हालत इतनी खराब है कि वह जिंदा नहीं रह सकता, तब उसे रिहा किया गया.

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याचिका में खासतौर से कहा गया है कि क्योंकि पुलिस ने उसकी मौत से पहले उसको रिहा कर दिया था, इसलिए कस्टडी में हुई उसकी पिटाई करने वाले पुलिस वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि जिन पुलिसवालों ने मुस्लिम युवको को राष्ट्रगान पाने के लिए मजबूर किया उनके खिलाफ सांप्रदायिक रूप से नफरत फैलाने के मामले में भी एफ आई आर दर्ज की जानी चाहिए.

प्रयागराजः HC में केस रद्द करने की मांग
इसी तरह नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दर्ज मुकदमे रद्द करने की मांग की गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से जवाब मांगा. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक याचियों के उत्पीड़न पर रोक भी लगा दी. 

एजाज अहमद और कई अन्य की ओर से यह याचिका दाखिल की गई. ये लोग सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में धरना दे रहे थे. याचिकाकर्ता सहित 26 नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज है.

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