दिल्ली में अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने तीनों एमसीडी, एनडीएमसी और डीडीए को नोटिस जारी किया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली में लगातार हो रहे अवैध निर्माण पर नाराजगी जताई है. याचिका में कहा गया है कि अवैध निर्माण पर न सिर्फ कार्रवाई की जाए, बल्कि अवैध कॉलोनियों को लगातार रेगुलराइज करने पर भी कोर्ट स्टे लगाए.
हाइकोर्ट ने 10 दिन में एजेंसियों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट अगली सुनवाई 15 नवंबर को करेगा. 10 दिन में डीडीए, तीनों एमसीडी और एनडीएमसी को ये बताना होगा कि फ़िलहाल अवैध निर्माण और अवैध कॉलोनियों की दिल्ली में कुल कितनी संख्या है और उन्हें रोकने के लिए अब तक या कोशिश की गई है.
हाईकोर्ट ने सिविक एजेंसियों से वो रिकॉर्ड भी कोर्ट मे देने को कहा है जिससे ये पता चले कि उन्होंने एलजी के पास अवैध निर्माण से जुड़ी कितनी शिकायतें कीं और उस पर आगे क्या एक्शन लिया गया. हाइकोर्ट इस बात से नाराज़ था कि लोगों की सेफ़्टी को लगातार दिल्ली में अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है.
दिल्ली में इस समय करीब 1700 से ऊपर अवैध कॉलोनियां है, याचिका में कहा गया है कि ये न सिर्फ नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई है, बल्कि वहां रह रहे लोगों की सुरक्षा से भी खतरा है. याचिका मे कहा गया है कि सिविक एजेंसियों और उनमे काम करने वाले अधिकारियों के लचर रवैये के चलते अवैध निर्माण कुकरमुत्ते की दिल्ली मे फैलता जा रहा है.