जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया की यचिका को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू को नोटिस जारी किया है. कन्हैया ने हाईकोर्ट में अनुशासन समिति के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें कन्हैया पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया था. हाईकोर्ट ने चार हफ्ते में कन्हैया को लेकर जेएनयू को अपना पक्ष साफ करने के लिए कहा है.
वहीं कन्हैया के वकील को जेएनयू के जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. कन्हैया के वकील ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट से कहा कि उस पर जुर्माना इस लिए लगाया गया है क्योंकि जेएनयू का कहना है कि कन्हैया ने उनके सवालों का जवाब नहीं दिया है. जिसमें गंगा ढाबे पर बिना अनुमति के कार्यक्रम करना और कार्यक्रम से जुड़े कई जरूरी सवालों के जवाब न देना शामिल है.
कन्हैया के वकील ने जेएनयू के अंडरटेकिंग का विरोध किया
वहीं कन्हैया के वकील ने जेएनयू प्रशासन के उस अंडरटेकिंग का विरोध किया जिसमें यह कहा गया है कि कन्हैया भविष्य में किसी भी ऐसे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे जिससे जेएनयू प्रशासन का अनुशासन टूटता हो. कन्हैया के अलावा सात और छात्रों ने भी जेएनयू के अनुशासन समिति के फैसले को चुनौती दी है.
इन छात्रो में ऐश्वर्या अधिकारी, गार्गी अधिकारी, कोमल मोहिते और अन्वेषा चक्रवर्ती शामिल हैं. अनुशासन समिति ने इनमें से कुछ छात्रों को अगले तीन साल के लिए किसी भी विषय में एडमिशन न देने और कुछ छात्रों को हॉस्टल अलॉट न करने का फैसला सुनाया था. फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर को करेगा.