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वैक्सीनेशन होने तक सड़कों पर ना घूमें भिखारी, याचिका पर दिल्ली HC ने राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

याचिका में कहा गया है कि जब तक इन लोगों का वैक्सीनशन पूरा न हो, तब तक भिखारियों का रिहैबिलिटेशन कराया जाए जिससे ये सड़कों पर ना घूमें. भिखारियों में करोना को लेकर जानकारी का अभाव है.

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दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • याचिका पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को
  • वकील ने दायर की है जनहित याचिका

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूम कर भीख मांग रहे भिखारियों का वैक्सीनेशन कराने को लेकर जनहित याचिका दायर हुई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार, दिल्ली अर्बन शेल्टर बोर्ड और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है.

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वकील नरेंद्र पाल सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि भिखारियों के सड़क पर खुलेआम घूमने के चलते कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है. याचिका में कहा गया है कि जब तक इन लोगों का वैक्सीनशन पूरा न हो, तब तक भिखारियों का रिहैबिलिटेशन कराया जाए जिससे ये सड़कों पर ना घूमें. भिखारियों में करोना को लेकर जानकारी का अभाव है लेकिन दिल्ली की ज्यादातर रेडलाइट्स पर दोपहिया वाहन या ऑटो में बैठे लोगों को छूकर ये उनसे पैसे मांगते हैं.

जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि ये कार के शीशे और दरवाजे खोलने की भी कोशिश करते हैं जिससे कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा है. इस याचिका में यह मांग की गई है कि जब तक इन सभी का वैक्सीनेशन न करा दिया जाए, तब तक दिल्ली अर्बन शेल्टर बोर्ड की निगरानी में इनको शेल्टर होम में रखा जाए. हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की है.

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गौरतलब है कि दिल्ली की तकरीबन हर रेड लाइट पर बड़ी तादाद में भिखारी नजर आते हैं. दिल्ली में भिखारियों की कुल संख्या को लेकर ठीक-ठीक कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. ये रेड लाइट्स पर लोगों को छू-छूकर पैसे मांगते हैं. इस वजह से कोरोना संक्रमण के और फैलने का खतरा है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है.

 

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