एमसीडी टीचर्स को सैलरी देने से जुड़े आदेश का पालन ना करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर और दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि आदेश के बावजूद अब तक एमसीडी के टीचर्स को सैलरी क्यों नहीं दी गई. जबकि कोर्ट ने पहले ही एमसीडी को सैलरी देने के आदेश दे दिए थे.
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को वेतन ना देने के मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ और साउथ एमसीडी के अधिकारियों से कहा है कि जब वह शिक्षकों को वेतन नहीं दे सकते तो अपने स्कूलों का संचालन दिल्ली सरकार के हाथों में क्यों नहीं दे देते. नाराज हाईकोर्ट ने पूछा कि जब शिक्षकों को वह पैसा ही नहीं देंगे तो उनका परिवार कैसे चलेगा. शिक्षक अपने बच्चों की फीस कैसे जमा करेंगे.
हाईकोर्ट ने कहा कि जब खुद ही शिक्षक तनाव में रहेगा तो वो स्कूल में बच्चों को किस तरह से बेहतर शिक्षा दे पाएगा. शिक्षक इस देश के सम्मानित वर्ग से हैं. ऐसे में उनको अगर तीन-तीन महीने तक एमसीडी वेतन नहीं दे पा रही है तो इसका क्या संदेश जाना चाहिए. कोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को शिक्षकों के वेतन से जुड़ी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए 8 मार्च तक का वक्त दिया है.
इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट एमसीडी कमिश्नर,केंद्रीय गृह सचिव और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने इन सभी से कहा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षकों को वेतन नहीं दिए जाने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न की जाए.
बता दें कि ये याचिका वकील अशोक अग्रवाल की तरफ से लगाई गई थी. याचिका में कहा गया कि शिक्षकों को तुरंत वेतन देने के 5 जनवरी के हाईकोर्ट के आदेश का अबतक पालन नहीं हो पाया है. ऐसे में कोर्ट अवमानना की कार्यवाही उन सभी अधिकारियों के खिलाफ करें जिनको वेतन देने के निर्देश कोर्ट से मिले थे.सुनवाई के दौरान शिक्षक खेमचंद की मौत का मामला भी उठा. खेमचंद की हाल ही में हार्टअटैक से मौत हो गई थी. बताया जाता है कि वह तनख्वाह ना मिलने से तनाव में थे. केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तीनों एमसीडी को एक करने पर विचार किया जा रहा है.