दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से कहा कि उसे हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्व दिल्ली में बोर्ड एग्जाम को लेकर स्थाई इंतजाम करने होंगे. हाई कोर्ट ने सीबीएसई से कहा कि एक-एक दिन एग्जाम टालने से छात्रों की दिक्कतें खत्म नहीं हो रही हैं, बल्कि उनकी टेंशन और बढ़ रही है. कोर्ट ने कहा, इसलिए बोर्ड जल्द से जल्द उनकी परीक्षाओं को लेकर कोई स्थाई समाधान खोजे.
हाई कोर्ट ने सीबीएसई से कहा है कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों से दिशा-निर्देश लेकर आए और बुधवार 2:15 बजे इस मामले में हम दोबारा सुनवाई करेंगे. दिल्ली के उत्तर-पूर्व जिले में तकरीबन 86 सेंटरों पर फिलहाल परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं, जिससे अब तक हजारों छात्र प्रभावित हुए हैं. हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि छात्रों को फिलहाल जजमेंटल ट्रॉमा से गुजरना पड़ रहा है जिसे दूर किया जाना बेहद जरूरी है.
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बता दें, दिल्ली हिंसा के मद्देनजर सीबीएसई ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में होने वाली सभी बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने अपील की थी कि छात्रों, अभिभावकों और स्टाफ को असुविधा हो सकती है. ऐसे हालात के मद्देनजर 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं प्रभावित इलाकों में रद्द कर दी जाएं.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्व जिले में बुधवार को सभी स्कूल बंद रहेंगे. गृह परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. मनीष सिसोदिया ने एचआरडी मंत्रालय से बातचीत की थी और परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध भी किया था. परीक्षाएं कुल 86 केंद्रों पर होने वाली थीं. पूर्वी दिल्ली में 7 जगहों पर केंद्र थे, वहीं शेष सभी केंद्र उत्तर पूर्वी दिल्ली में थे.
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