दिल्ली हाईकोर्ट ने ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी के करीब 45 हजार कर्मचारियों को चार हफ्ते में 31 मार्च तक की चौथे फाइनेंस कमीशन के हिसाब से सैलरी देने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये पैसा एमसीडी को देने का आदेश दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र से पैसा मिले या न मिले आपको चार हफ्ते में इन सभी को सैलरी देनी होगी.
इन 45 हजार कर्मचारियों में एमसीडी के करीब 13 हजार टीचर्स, नर्स, डॉक्टर्स और क्लर्क शामिल हैं. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि पहले आप 45 हजार कर्मचारियों की सैलरी दीजिए. इसके बाद हम इस बात पर सुनवाई करेंगे कि केंद्र सरकार से कितना कम पैसा आपको मिल रहा है और आपको कितना फंड और मिलना चाहिए.
नॉर्थ और ईस्ट एमसीडी ने दिल्ली हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया कि दिल्ली सरकार से पैसा मिलने के एक हफ्ते के भीतर वो अपने कर्मचारियों को सैलरी बांट देंगे. इससे पहले नाराज दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यहां तक कह दिया कि आप टीचर्स को सैलरी भी नहीं दोगे, तो फिर उनके पास अपना घर खर्च चलाने का विकल्प ही क्या बचता है.
इनके पास बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने के अलावा अपना परिवार चलाने के लिए कोई विकल्प ही नहीं है. एमसीडी के कई शिक्षकों ने अरविंद केजरीवाल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिखकर बताया है कि तनख्वाह ना मिलने के कारण उन्हें किस तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. कुछ टीचर्स अपने बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं दे पा रहे हैं, तो कोई बच्चों की शादी नहीं कर पा रहा है.
कुछ कर्मचारियों को गंभीर बीमारियां हैं और वो कीमोथैरेपी ले रहे हैं. अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या उस टीचर को अपनी कीमोथैरेपी बंद करा देनी चाहिए, क्योंकि आप उसे सैलरी नहीं दे रहे हैं? हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी के कर्मचारियों को जल्द वेतन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.