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दिल्ली हाई कोर्ट ने राज ठाकरे की सुरक्षा हटाने की याचिका को किया खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने राज ठाकरे की सुरक्षा को हटाने को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया था कि वो केंद्र सरकार से मिली सुरक्षा का दुरुपयोग कर रहे हैं.

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राज ठाकरे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना
राज ठाकरे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना

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दिल्ली हाई कोर्ट ने राज ठाकरे की सुरक्षा को हटाने को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया था कि वो केंद्र सरकार से मिली सुरक्षा का दुरुपयोग कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने कोर्ट को ये साफ कर दिया कि राज ठाकरे को सुरक्षा , केंद्र नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार मुहैया करा रही है, और राज्य के निर्णय में केंद्र कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता, इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट ने जुरिडिकशन के आधार पर इस याचिका को ख़ारिज कर दिया.

राज ठाकरे की सुरक्षा को लेकर याचिका खारिज
इससे पहले राज ठाकरे की सुरक्षा को हटाने को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 जुलाई को हाई कोर्ट ने केंद्र को जवाब देने को कहा था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से पूछा था कि फिर वो जांच कर बताए की राज ठाकरे को केंद्र से सुरक्षा मिल रही है या फिर राज्य सरकार से, केंद्र को 26 अगस्त तक जवाब देने का समय दिया गया था.

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राज ठाकरे को Y केटेगरी की सुरक्षा मिली है
दिल्ली हाई कोर्ट में राज ठाकरे की सुरक्षा को हटाने को लेकर लगाई याचिका में कहा गया था कि वो सरकार से मिली Y केटेगरी की सुरक्षा का दुरूपयोग कर रहे है. उनकी जान को किसी से खतरा नहीं है, बल्कि वो खुद 70 लाख गैर मराठी लोगों और कानून व्यवस्था के लिए खतरे और आतंक का पर्याय बने हुए है. दिल्ली के एक वकील की तरफ से लगाई गई याचिका में ये भी कहा गया था कि वो न तो अब तक कभी सांसद या मंत्री रहे है न और न ही वो किसी संवैधानिक पद पर रहे है, लिहाज़ा उन्हें इस तरह की सुरक्षा मिलने का कोई औचित्य ही नहीं है.

राज ठाकरे ने कई बेशकीमती जमीनों पर कर रखा है कब्जा
याचिका मे ये भी आरोप था कि उन्हें मिली Y केटेगरी की सुरक्षा को ढाल बनाकर उन्होंने कई बेशकीमती जमीनों पर कब्जा कर रखा है जिनकी कीमत कई सौ करोड़ है. इसके अलावा वो मातोश्री के नाम से कई प्राइवेट कम्पनियों के मुखिया भी है. इसके आलावा बिहार झारखंड, यूपी समेत कई राज्यों मे उनके खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किए गए हैं. लेकिन आज तक वो किसी अदालत में इसी सुरक्षा को बहाना बनाकर किसी कोर्ट मे पेश नहीं हुए है. 1992 मे मुबई मे हुए ब्लास्ट के बाद हुए दंगो के दौरान बाल ठाकरे और राज ठाकरे को पुलिस ने आरोपी बनाया था, और उसी दौरान एक आरोपी के तौर पर उनको Z केटेगरी की सुरक्षा दी गई थी.

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