दिल्ली में नालों की सफाई अब तक ना होने को लेकर नाराज दिल्ली हाई कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी से लेकर जल बोर्ड तक को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि 360 दिन आप लोग सोये रहते हो, पांच दिन में साल भर की सफाई का काम कैसे हो सकता है.
दरअसल पीडब्ल्यूडी ने पिछली सुनवाई पर कोर्ट से वादा किया था कि 25 जून तक सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन नालों की सफाई का कोई काम पूरा नहीं हुआ. खास तौर से कुशक नाले की सफाई का काम. इससे नाराज कोर्ट ने ना सिर्फ फटकार लगाई बल्कि एक कमेटी का भी गठन किया है, जो एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी कि कुशक नाले में सफाई हुई या नहीं.
राजधानी दिल्ली के साउथ एक्स पार्ट 2 में कुशक नाले की सफाई को लेकर PWD के अधिकारियों ने 25 जून तक का समय मांगा था. कोर्ट में PWD के अधिकारियों ने 25 जून तक नाले की सफाई करने का भरोसा जताया था. दिल्ली में बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन मानसून की तैयारियों को लेकर अभी भी एजेंसिया गंभीर नहीं हैं. अभी भी राजधानी में जगह-जगह नालों की सफाई का काम शुरू तक नहीं हुआ है. दिल्ली हाइकोर्ट इस बात से भी नाराज था कि केजरीवाल सरकार ने हाल ही में पीडब्ल्यूडी को नालों की सफाई को लेकर जो कुछ लिखा उस पर तो PWD ने जवाब दिया, लेकिन हाइकोर्ट के पांच वर्षों के दौरान दिए गए निर्देशों और आदेशों पर कोई अमल नहीं किया.
हाई कोर्ट ने साउथ दिल्ली के कुशक नाले को लेकर लगाई गई 5 साल पुरानी याचिका पर सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट में यचिकाकर्ता ने तस्वीर दिखाते हुए कहा कि अभी तक नाले की सफाई शुरू भी नहीं हुइ है. दरअसल हाई कोर्ट पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की उस स्टेटस रिपोर्ट से नाराज था जिसमें उन्होंने कहा था कि आईएनए से यमुना नदी तक जा रहे नाले की सफाई उन्होंने पूरी कर ली है, जबकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट को जो तस्वीरें दिखाई उनमें साफ था कि कुशक नाले की सफाई का काम नहीं हुआ है.
पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने विभाग से उन अधिकारियों के नाम भी मांगे थे, जिन्होंने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है. दिल्ली हाई कोर्ट इस बात से नाराज था कि मानसून आने को है लेकिन अभी तक नालों की सफाई का काम पूरा होना तो दूर शुरू तक नहीं हुआ है और अपनी उदासीनता को छिपाने के लिए अधिकारी कोर्ट को गलत हलफनामे देकर गुमराह कर रहे हैं.