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दिल्ली हाई कोर्ट ने LG ऑफिस से पूछा, क्या महिला आयोग में सभी नियुक्तियां अवैध?

दिल्ली महिला आयोग में नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने एलजी ऑफिस से पूछा है कि क्या महिला आयोग में की गई सभी नियुक्तियां गैरकानूनी हैं.

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दिल्ली हाई कोर्ट
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दिल्ली महिला आयोग में नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने एलजी ऑफिस से पूछा है कि क्या महिला आयोग में की गई सभी नियुक्तियां गैरकानूनी हैं. हाई कोर्ट ने इस मामले में सवाल किया है कि क्या कोर्ट के आदेश के बाद आयोग द्वारा दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए चलाए जा रहे रेप क्राइसिस सेल और बाकी यूनिटों को बंद कर दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने एलजी ऑफिस को इन मुद्दों पर अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.

मालीवाल को नियुक्तियां करने का अधिकार नहीं
सुनवाई के दौरान एलजी की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के पास आयोग की विभिन्न यूनिटों में नियुक्तियां करने का कोई अधिकार नहीं है. वो नियुक्ति करने के लिए अधिकृत ही नहीं हैं. अगर उन्हें काम करने के लिए लोग चाहिए, तो उन्हें संबंधित अधिकारियों से इस बारे में आग्रह करना चाहिए. इस पर कोर्ट ने एलजी के वकील से पूछा कि वो बताएं क्या आयोग द्वारा की गईं सभी नियुक्तियां गैरकानूनी हैं या फिर उनमें से कुछ गलत तरह से रखे गए हैं. क्या एलजी ऑफिस इन यूनिटों को चलाने के लिए नई नियुक्तियां करना चाहता है. मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट 9 फरवरी को करेगा.

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स्वाति मालीवाल पर लगे हैं ये आरोप
दिल्ली महिला आयोग के वकील ने कहा कि उनका 31 मार्च 2017 तक का बजट स्वीकृत है और उन्हें इस अवधि तक कर्मचारियों को वेतन देने की अनुमति मिलनी चाहिए. आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पर नियुक्तियों में अनियमिताएं बरतने का आरोप है. यह मामला तीस हजारी कोर्ट में लंबित है. पिछले हफ्ते कोर्ट ने इस मामले में स्वाति मालीवाल को समन भी किया है. भ्रष्टाचार निरोधक शाखा इस मामले की जांच कर रही है. पेश मामले में आयोग के कर्मचारियों ने अलग-अलग दो याचिकाओं में कोर्ट से अपना बकाया वेतन भुगतान कराने का आग्रह किया है. हाई कोर्ट ने इससे पहले 18 जनवरी और दिसंबर 2016 में कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन देने का निर्देश दिया था.



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