सैनिक फार्म में अवैध निर्माण और अवैध कंस्ट्रक्शन का सामान ले जा रहे ट्रकों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया है. कोर्ट ने नाराजगी जताई कि कोई भी आरडब्लूए अपनी कॉलोनी में आने वाले कमर्शियल वाहनों से टोल कैसे वसूल सकती है.
आरोप है कि वहां की लोकल आरडब्लूए पब्लिक रोड होने के बावजूद हर एक कमर्शियल वाहन से 800 रुपये वसूल रही हैं और पिछले 10 साल में ऐसे ट्रकों से सामान लाकर सैनिक फार्म में 700 अवैध फार्म हाउस बना दिए गए हैं जबकि हाई कोर्ट के आदेश के बाद वहां निर्माण कार्य पर पाबंदी है.
कोर्ट ने मांगी सीसीटीवी फुटेज
हाई कोर्ट ने कहा कि हम पहली बार सुन रहे हैं कि आरडब्लूए भी ऐसा कर सकता है. पहले से ही अवैध कॉलोनी में कैसे अवैध रूप से टैक्स वसूला जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि पिछले 10 दिन की CCTV की रिकॉर्डिंग कोर्ट को दी जाए.
पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल
दिल्ली पुलिस ने कहा कि 2008 से 2016 तक का ही रिकॉर्ड उनके पास है कि कौन पुलिसकर्मी सैनिक फार्म में तैनात रहा. 2000 से 2008 तक का रिकॉर्ड नष्ट कर दिया गया है. इस पर कोर्ट ने कहा , 'क्यों न इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए? हम चाहते हैं कि जिन लोगों ने कानून का उल्लंघन किया है उन्हें सजा दी जाए. ये जरुरी है ताकि आगे ऐसा न हो.'
कैसे हो गए 700 नए निर्माण?
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर सवाल किया था की कैसे एमसीडी और पुलिस की मौजूदगी में 700 नए निर्माण सैनिक फार्म में हो गए और एक लाख 40 हजार कंस्ट्रक्शन मेंटीरियल के ट्रक कैसे कोर्ट के आदेश के बावजूद सैनिक फार्म के अन्दर पहुंच गए?